धर्म-अध्यात्म

वजन घटाने के लिए करें इस ग्रह को मजबूत

Ritisha Jaiswal
27 April 2022 4:55 PM GMT
वजन घटाने के लिए करें इस ग्रह को मजबूत
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बदलते लाइफस्टाइल और खानपान ने लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ा दी हैं.

बदलते लाइफस्टाइल और खानपान ने लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ा दी हैं. आज लोग सबसे ज्यादा बढ़ते हुए मोटापे को लेकर चिंतित है. और अपने बढ़ते हुए पेट और चर्बी को कम करने के लिए दिन-रात खूब मेहनत कर रहे हैं. हर संभव प्रयास के बाद भी उन्हें मोटापे से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में भी कुछ उपायों के बारे में बताया गया है, जिन्हें करने से व्यक्ति को मोटापे से छुटकारा मिल सकता है. ऐसी मान्यता है कि अमूक ग्रह को मजबूत करने से व्यक्ति को वजन घटाने में मदद मिलती है. आइए जानें इस ग्रह को मजबूत करने के उपायों के बारे में.

ज्योतिषीयों का मानना है कि बृहस्पति ग्रह हमारे शरीर में वसा को नियंत्रित करने का काम करता है. किसी भी तरह की वृद्धि का कारक ग्रह बृहस्पति को माना गया है. ऐसी मान्यता है कि जब गुरु ग्रह पर कोई समस्या आती है, तो व्यक्ति को शारीरिक तौर पर कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. स्वस्थ जीवन के लिए कुंडली में गुरू ग्रह का मजबूत होना बेहद जरूरी है. आज हम आपको ऐसे ही उपायों को बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर बृहस्पति को मजबूत किया जा सकता है.
वजन घटाने के लिए करें इस ग्रह को मजबूत
- मान्यता है कि नियमित रूप से गुरु यंत्र की पूजा करने से लाभ होता है. मनोकामना पूर्ति के लिए गुरु यंत्र को पूजा की जगह स्थापित करें.
- ज्योतिष अनुसार बृहस्पति को मजबूत करने के लिए पीले या सफेद पुखराज को सोने की अंगूठी में बनवाकर धारण करने से लाभ होता है. इसे तर्जनी उंगली में धारण करें.
- माना जाता है कि शिव सहस्रनाम स्तोत्र के जाप से भी बृहस्पति ग्रह मजबूत किया जा सकता है. इस स्तोत्र का जाप प्रातः काल शांत जगह पर बैठकर करना चाहिए.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पीपल के पेड़ की जड़ को गले में ताबीज द्वारा या किसी कपड़े में सिलकर हाथ पर बांध लें. ऐसा करने से पहले किसी ज्योतिष की सालह लें और विधि विधान से पूजा के बाद ही धारण करें.
- मान्यता है कि बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करें.
- गुरुवार के दिन गुरु बीज मंत्र का जाप अवश्य करें. मंत्र – "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः !" संभव हो तो नियमित रूप से करें. अन्यथा गुरुवार के दिन तो करना ही है.


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