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व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों और नक्षत्रों का विशेष महत्व होता है
व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों और नक्षत्रों का विशेष महत्व होता है. ग्रह समय समय पर अपनी राशि परिवर्तित करते हैं, इससे व्यक्ति के जीवन की ग्रहदशा प्रभावित होती है. यदि कुंडली में कोई ग्रह शुभ फल दे, तो व्यक्ति को जीवन में तमाम उपलब्धियां मिलती हैं और वो तेजी से तरक्की करता है.
लेकिन अगर कोई ग्रह अशुभ फल दे तो उसकी खुशियों पर मानों ग्रहण लग जाता है. खासतौर पर राहु, शनि और मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन में मुसीबतों का अंबार लगा देते हैं. यहां जानिए जल के ऐसे उपाय जो व्यक्ति की कुंडली से इन ग्रहों के अशुभ प्रभावों को रोकने में कारगर हैं.
उपाय होंगे मददगार
– यदि किसी के जीवन में राहु की छाया भी पड़ जाए तो जीवन दुखदायी हो जाता है. ऐसा शायद ही कोई कष्ट हो, जो राहु की महादशा के दौरान व्यक्ति को न मिलता हो. अगर आपके जीवन में भी राहु के अशुभ प्रभावों की वजह से उथल पुथल मची है तो आपको नियमित रूप से किसी कांटेदार पौधे में जल देना चाहिए. इस उपाय से काफी लाभ मिलता है.
– शनि दोष से पीड़ित होने पर एक लोटे में जल लेकर उसमें सरसों के तेल की कुछ बूंदें डालें और नीले रंग का पुष्प डालें. शनिवार के दिन इस जल को पीपल के पेड़ में अर्पित करें. इसके बाद पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें. इससे शनि संबन्धी समस्याएं दूर होती हैं.
– अगर आप मंगल के अशुभ प्रभावों को झेल रहे हैं तो एक लोटे में पानी लेकर उसमें चंदन, तुलसी, दूध और शहद मिक्स करें और किसी भी फलदार पेड़ में चढ़ाएं. इससे मांगलिक दोष में कमी आ सकती है.
– राहु और केतु दोनों के प्रभावों को समाप्त करने के लिए नियमित रूप से शिवलिंग को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं. उसी जल को खुद पर भी छिड़कें. इससे राहु और केतु के अशुभ फल मिलने बंद हो जाते हैं.
– सूर्य के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए नियमित रूप से सूर्य देव तांबे के लोटे में जल लेकर अर्पित करें. जल में गुड़, रोली, अक्षत और लाल पुष्प भी डालें. साथ ही गायत्री मंत्र का जाप करें.
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