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हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को चैत्र अमावस्या कहा जाता है। इस दिन स्नान-दान के साथ पितरों का तर्पण करने का खास महत्व है। चैत्र अमावस्या के दिन पितृदोष की मुक्ति के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस बार चैत्र अमावस्या 1 अप्रैल 2022, गुरुवार को है। इस बार की चैत्र अमावस्या काफी खास है क्योंकि कई दुर्लभ योग बन रहे हैं। जानिए चैत्र अमावस्या का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि।
चैत्र अमावस्या शुभ मुहूर्त
चैत्र अमावस्या तिथि- 01 अप्रैल 2022
अमावस्या तिथि का प्रारंभ- 31 मार्च को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरू
अमावस्या तिथि का समापन- 01 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर समाप्त
चैत्र अमावस्या पर बन रहे हैं खास संयोग
चैत्र अमावस्या पर कई खास योग बन रहे हैं। ब्रह्म योग के बाद इंद्र योग बन रहा है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग के साथ रेवती नक्षत्र बन रहा है। इसलिए आज का दिन हर किसी के लिए काफी अच्छा है।
ब्रह्म योग- सुबह 09 बजकर 37 मिनट तक। इसके बाद इंद्र योग शुरू हो रहा है
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 10 बजकर 40 मिनट से लेकर 2 अप्रैल सुबह 06 बजकर 10 तक
अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:00 से 12 बजकर 50 मिनट तक
अमृत सिद्धि योग- सुबह 10 बजकर 40 मिनट से 2 अप्रैल 06 बजकर 10 मिनट तक
चैत्र अमावस्या पूजा विधि
चैत्र अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करना चाहिए। अगर आप नदी में स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं तो घर में ही स्नान वाले पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर नहा लें। इसके बाद भगवान सूर्य को तांबा के पात्र में जलकर अर्पित कर दें। इसके बाद अपनी योग्यता के अनुसार वस्त्र, अनाज, फल आदि का दान करना चाहिए। इसके साथ ही आज के दिन पितरों का तर्पण जरूर करना चाहिए। इससे आपको देवी-देवता की कृपा के साथ पितरों का आशीर्वाद मिलेगा।