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धर्म-अध्यात्म
कुंभ संक्रांति पर बन रहा है खास जाने ये उपाय से दूर होंंगी समस्याएं
Teja
12 Feb 2022 11:35 AM GMT
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य का हर महीने राशि परिवर्तन होता है. सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य का हर महीने राशि परिवर्तन होता है. सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं. सूर्य अभी मकर राशि में गोचर अवस्था में हैं. 13 फरवरी को सूर्य, मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य देव इस राशि में करीब एक महीने तक रहेंगे. 13 फरवरी को कुंभ संक्रांति के दिन त्रिपुष्कर और प्रीति योग का शुभ संयोग बन रहा है. जिस कारण के इस संक्रांति का काफी महत्व बढ़ गया है. ऐसे में जानते हैं कि कुंभ संक्रांति पर क्या करना अच्छा रहेगा.
कुंभ संक्रांति पर करें ये काम
ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों का राजा माना गया है. सूर्य के उत्तरायण और दक्षिणायम से ही ऋतुओं में बदलाव आता है. हिंदू धर्म में संक्रांति का विशेष महत्व है. संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर सूर्य को जल देना अच्छा माना गया है. साथ ही इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है. देवी पुराण के अनुसार जो लोग इस दिन स्नान नहीं करते हैं, वे कई जन्मों तक दरिद्र रहते हैं. संक्राति के दिन दान करने की भी परंपरा है. ऐसे में इस दान जरूर करना चाहिए.
कुंभ संक्रांति शुभ मुहूर्त
-कुंभ संक्रांति तिथि- 13 फरवरी, रविवार
-कुंभ संक्रांति शुभ मुहूर्त- सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक
-कुंभ संक्रांति पुण्य काल- सुबह 7 बजे से 8 बजकर 55 मिनट तक
कुंभ संक्रांति का महत्व
हिंदू धर्म में एकादशी, पूर्णिमा और अमावस्या का जितना महत्व है, उतना ही कुंभ संक्रांति का भी महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि कुंभ संक्रांति के दिन स्नान और दान करने से देवलोग में स्थान मिलता है. ऐसे में इस दिन सुबह जल में गंगाजल और तिल मिलाकर जरूर स्नान करना चाहिए. इसके बाद भगवान सूर्य को जल दें. इसके बाद किसी मंदिर में जाकर अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करना करें. चाहें तो गरीबों को भोजन भी करवा सकते हैं. इस दिन बिना तेल-घी और गुड़-तिल से बनी चीजों का सेवन करना अच्छा माना जाता है.
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