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जनता से रिश्ता वेबडेस्क| इस समय सावन का पावन माह चल रहा है। हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत अधिक महत्व होता है। इस माह में भोलेशंकर की विशेष अराधना की जाती है। इस साल सावन माह में 7 और 8 अगस्त यानी इस शनिवार और रविवार को विशेष संयोग बन रहा है। शनिवार को पुष्य नक्षत्र है, जो अगले दिन यानी रविवार को भी रहेगा। 7 और 8 अगस्त को पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। ज्योतिष में इस संयोग को बेहद ही शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र में किए गए कार्यों का कई गुना फल मिलता है। ऐसा भी माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्यों में सफलता जरूर मिलती है।
पुष्य नक्षत्र कब से कब तक?
7 अगस्त सुबह 8 बजकर 20 मिनट से रविवार सुबह 9 बजकर 37 मिनट तक
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सभी नक्षत्रों का राजा है पुष्य नक्षत्र
अमावस्या और पुष्य नक्षत्र का संयोग भी फलदायी होता है
8 अगस्त को हरियाली अमावस्या भी है। अमावस्या के दिन पितर संबंधित कार्य किए जाते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पुष्य नक्षत्र में पितर संबंधित कार्य करना भी शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र में तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्यों का कई गुना फल मिलता है। इस दौरान भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
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दान करें
पुष्य नक्षत्र में अपनी क्षमता के अनुसार दान अवश्य करें। इस दौरान दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दान करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।