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अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विभुवन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में अधिक मास के कृष्ण पक्ष का बेहद ही खास महत्व होता है। इस दौरान पूजा-पाठ करने से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। 3 साल में एक बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। सावन मास के दौरान अधिक मास पड़ रहा है, जिसके कारण व्रत का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाएगा। मान्यताओं के अनुसार संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
इस बार 4 अगस्त को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता। सूर्य उदय से लेकर चंद्र उदय तक व्रत रखा जाता है। 4 अगस्त दोपहर 12:45 बजे चतुर्थी का आरंभ होगा। इसका समापन 5 अगस्त सुबह 9:39 बजे इसका समापन होगा।
करें ये उपा
विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन कुछ उपायों को करना बेहद ही शुभ माना जाता है। भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
इस दिन घर में गणेश यंत्र की स्थापना करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-शांति बनी रहती है।
विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए गणपति बप्पा को गुड़ की 21 गोलियां और दुर्वा घास अर्पित करें।
भगवान गणेश की प्रतिमा का पूजन करें। इस दौरान हल्दी की 5 गांठ भगवान गणेश को अर्पित करें। ऐसा करने से व्यापार में तरक्की होती है और नौकरी में प्रमोशन होता है।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को घी और गुड़ का भोग लगाना शुभ माना जाता है। बप्पा को भोग लगाने के बाद घी और गुड़ को गाय को खिलाएं। ऐसा करने से धन लाभ के योग बनते हैं।
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