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धर्म-अध्यात्म
Somvar Vrat katha: सोमवार के दिन करें शिव पार्वती की पूजा जाने विधि और महत्व
Renuka Sahu
10 Feb 2025 3:09 AM GMT
![Somvar Vrat katha: सोमवार के दिन करें शिव पार्वती की पूजा जाने विधि और महत्व Somvar Vrat katha: सोमवार के दिन करें शिव पार्वती की पूजा जाने विधि और महत्व](https://jantaserishta.com/h-upload/2025/02/10/4374517-r.webp)
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Somvar Vrat katha: भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत तरीके से पूजा सोमवार के दिन की जाती है. तीन देवताओं में से एक महादेव भक्तों के प्रति काफी दयालु हैं. इसीलिए उन्हें प्रसन्न करना काफी आसान माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, सोमवार के दिन व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. भगवान भोले अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. भगवान शिव के आशीर्वाद से भक्तों को किसी भी प्रकार का भय नहीं होता है. वह हर मुश्किल से मुक्त होते हैं. शिव जी की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहती है. कुंवारी लड़कियों के लिए भी सोमवार का व्रत रखना लाभदायक माना गया है|
सोमवार व्रत पूजा विधि: सोमवार के दिन शिव भक्तों को सुबह स्नान करने के बाद साफ कपड़ा धारण करना चाहिए. इसके बाद भगवान शिव और पार्वती को स्मरण करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए. व्रत का संकल्प लेने के बाद शिवजी को जल और बेलपत्र चढ़ाएं और भगवान शिव के साथ संपूर्ण शिव परिवार की पूजा करें. पूजा करने के बाद कथा सुनें और आरती करने के बाद घर के सदस्यों में प्रसाद बांटें|
सोमवार व्रत महत्व: सोमवार के दिन जो भक्त शिव शंभू की पूजा करता है वह हर प्रकार की समस्याओं से दूर रहता है. शिवजी की उपासना करने से घर में माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है. आर्थिक समस्याओं से भी शिव के भक्तों को छुटकारा मिलता है.
सोमवार व्रत कथा: एक शहर में एक साहूकार रहता था जिसे किसी चीज की कमी नहीं थी. हर तरह से परिपूर्ण होने के बाद भी वह हमेशा परेशान रहा करता था. ऐसा इसलिए क्योंकि उसकी कोई संतान नहीं थी. संतान प्राप्ति के लिए वह सोमवार का व्रत रखता था और शिव मंदिर जाकर शिव-पार्वती की पूजा करता था. साहूकार की भक्ति देखकर मां पार्वती खुश हो गईं और उन्होंने भगवान शिव से साहूकार की इच्छा पूरी करने के लिए कहा. तब भगवान शिव ने पार्वती माता को यह समझाया कि हर किसी को उसके कर्मों का फल मिलता है जो उसे भोगना ही पड़ता है. भगवान शिव के समझाने पर पार्वती मां नहीं मानी और उन्होंने वापस भगवान शिव से साहूकार की इच्छा पूरी करने के लिए कहा|
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