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शिव शब्द का मूल भाव होता है कल्याण, सुख व आनंद इसीलिए कहते है की शिव सत्य हैं, शिव सुंदर हैं और शिव ही विश्व का कल्याण हैं।शास्त्रों के अनुसार बिना किसी की भक्ति के इंसान शव के समान हो जाता है।
श्रावण (सावन) माह में शिवजी की आराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, लेकिन कोई भी देव आराधना अथवा मंत्र, स्तोत्र और स्तुतियां का फल तभी प्राप्त होता है जब आराधना विधि-विधान और शास्त्रोक्त तरीकों से की जाए। शास्त्रों के अनुसार सोमवार या श्रावण (सावन) माह का कोई भी दिन शिव उपासना के लिए उत्तम हैं। लेकिन कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें जैसे -
भगवान शिव, श्रावण मास, भगवान शिव की पूजा के लिए पालन किए जाने वाले नियम, भगवान शिव की पूजा कैसे करें,lord shiva, shravan month, rules to be followed for worshiping lord shiva, how to worship lord shiva,- शिवजी की पूजा सुबह के समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठकर करनी चाहिए।
- संध्या समय शिव साधना करते वक्त पश्चिम दिशा की ओर मुंह रखें।
- अगर शिव उपासक रात्रि में शिव आराधना करता है तो उसके लिए उत्तर दिशा की ओर मुंह रखें।
- शिव उपासना करने का विशेष दिन सोमवार होता है और उस दिन आराधना करने से बहुत ही शुभ फल मिलता है।
- सुबह स्नान करने के बाद ही भगवान शंकर को जल या गंगा जल चढ़ाये और उनके साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल या जल चढ़ाएं।
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