धर्म-अध्यात्म

148 साल बाद शनि जयंत‍ी के दिन सूर्य ग्रहण, जानें उपाय और इसका प्रभाव

Deepa Sahu
8 Jun 2021 11:38 AM GMT
148 साल बाद शनि जयंत‍ी के दिन सूर्य ग्रहण, जानें उपाय और इसका प्रभाव
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ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी 10 जून को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।

ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी 10 जून को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इस दिन शनि जयंत‍ी भी पड़ रही है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन सूर्य और शनि का अद्भुत संयोग देखने को मिलेगा। शनि जयंत‍ी यानी शनिदेव के जन्मोत्सव के दिन ही सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण रिंग ऑफ फायर या वलायाकार सूर्य ग्रहण होगा। इस दौरान चंद्रमा सूर्य के लगभग 97 फीसदी हिस्से को कवर कर लेगा। सूर्य ग्रहण भारत के पूर्वोत्तर के बहुत कम हिस्से और जम्मू कश्मीर में आंशिक रूप से दिखेगा। इसलिए भारत में सूर्य ग्रहण का सूतक काल भी पूरी तरह मान्य नहीं होगा, जहां ग्रहण होगा केवल वहीं पर सूतक काल माना जाएगा। इस बार सूर्य ग्रहण वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगने जा रहा है, ऐसे में आइए जानते हैं कि इस सूर्य ग्रहण का क्या प्रभाव देखने को मिलेगा।

यहां दिखाई देगा सूर्यग्रहण
साल का यह पहला सूर्य ग्रहण एशिया, यूरोप, मंगोलिया, उत्तर-पूर्व अमेरिका अटलांटिक महासागर के उत्तरी हिस्से में आशिंक और उत्तरी कनाडा, रूस, ग्रीनलैंड में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। इन देशों में सूर्य ग्रहण का सूतक मान्य होगा। सूर्य ग्रहण वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगने जा रहा है। वृषभ राशि आपकी वाणी, संचार कौशल, परिवार, गले आदि की कारक मानी जाती है। इसलिए साल के इस पहले सूर्य ग्रहण के कारण कई देशों में सामाजिक विरोध की भावनाएं जाग सकती हैं। यह भावनाएं सरकार के खिलाफ भी हो सकती हैं। इस सूर्य ग्रहण के प्रभाव से लोगों को गले और हृदय संबंधी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है और बने बनाए काम भी अटक सकते हैं।
स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा नहीं है ग्रहण
सूर्य ग्रहण के कारण कुछ लोगों को आंखों से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह सूर्य ग्रहण स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा नहीं कहा जा सकता। सूर्य पिता और सरकारी क्षेत्र का कारक भी है इसलिए सूर्य ग्रहण के कारण जनता और सरकार के बीच आपसी विश्वास की कमी आ सकती है। इस दौरान देश की सरकार को कुछ मुद्दों को लेकर आम लोगों द्वारा घेरा जा सकता है। पारिवारिक जीवन में पिता के स्वास्थ्य में कमी के कारण कई लोग परेशान हो सकते हैं।
ग्रहण के समय करें यह कार्य
शास्त्रों में बताया गया है कि ग्रहण दुनिया में कहीं भी लगे या दिखाई भी न दे लेकिन उसका प्रभाव समस्त मानव जीवन पर पड़ता है। ऐसे में ग्रहण के दौरान जप-तप व दान करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है और ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचाता है। ग्रहण से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दें और ग्रहण के खत्म होने के बाद घर की साफ-सफाई करें और पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करें। वहीं गरीब व जरूरतमंदों को दान करें।
शनि जयंत‍ी पर सूर्यग्रहण
बताया जाता है कि 148 साल बाद शनि जयंत‍ी के दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, इससे पहले 26 मई 1873 में यह संयोग पड़ा था। सूर्य शनिदेव के पिता है और दोनों के बीच अच्छे संबंध नही हैं। वहीं इस वक्त धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव बना हुआ है और मिथुन और तुला पर ढैय्या का प्रभाव बना हुआ है। ऐसे में साढ़ेसाती और ढैय्या का अशुभ प्रभाव कम करने के लिए यह बेहद अच्छा मौका है। ऐसे में शनि चालिसा का पाठ कर सकते हैं और शनि से संबंधित चीजों का भी दान कर सकते हैं।
इतने समय तक रहेगा ग्रहण
भारतीय पंचांग के अनुसार, ग्रहण का आरंभ दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा। वहीं कंकण ग्रहण का आरंभ 03 बजकर 20 मिनट पर होगा। ग्रहण का मध्यकाल 04 बजकर 12 मिनट पर होगा और इसकी समाप्ति शाम को 05 बजकर 03 मिनट पर होगी। वहीं ग्रहण का पूर्ण रूप से समापन शाम 06 बजकर 41 मिनट पर होगा यानी ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे की होगी।
इन चीजों का करें दान
वृषभ, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों पर इस सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा असर दिखाई देगा। इन राशि के जातकों को अपने विशेष ख्याल इस दौरान रखना चाहिए। वाहन चलाने और कोई भी जोखिम भरा कार्य करने से भी इन राशि वालों को बचना चाहिए। वहीं गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतनी होगी। सूर्य ग्रहण के दिन शुभ फल प्राप्त करने के लिए या सूर्य को कुंडली में मजबूत करने के लिए सूर्य से संबंधित वस्तुओं का दान करना शुभ रहेगा।
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