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धर्म-अध्यात्म
Surya Grahan 2022: भारत में दिखने लगा सूर्यग्रहण, अमृतसर में दिखा सबसे पहले, जानें लेटेस्ट अपडेट
jantaserishta.com
25 Oct 2022 11:06 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
देखें तस्वीरें।
Partial solar eclipse as witnessed in Jammu (pic 1) and Amritsar (pic 2) pic.twitter.com/gnvxZ8Gntm
— ANI (@ANI) October 25, 2022
Surya Grahan 2022: साल का दूसरा सूर्य ग्रहण आज पड़ रहा है जो अब शुरू हो चुका है। यह खंड सूर्यग्रहण यानी आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इस ग्रहण का असर भारत समेत दुनिया के कई इलाकों में देखने को मिलेगा। 25 अक्टूबर 202, दिन मंगलवार को सुबह 11.28 बजे से सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है और शाम 5.24 बजे तक करीब सात घंटे चलेगा। चूंकि दीपावली भारत में एक दिन पहले ही 24 अक्टूबर को मना ली गई है ऐसे में इस ग्रहण का दिवाली पर कोई असर नहीं रहा। ग्रहण के दौरान भगवत नाम का स्मरण बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है। ग्रहण के बाद गंगा समेत विभिन्न पवित्र नदियों में स्नान का भी महत्व हैं। धर्मग्रंथों के अनुसार, सूतक के दौरान मंदिरों व स्थापित मूर्ति पूजा निषेध है। यही नहीं इस दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रखे जाते हैं। इसके अलावा मंदिरों में ग्रहण के बाद साफ-सफाई होने के बाद ही पूजा आरंभ होती है। ज्योतिषियों की मानें तो इस बार ग्रहण का स्पर्श इस बार भारत में ही होगा।
पंजाब: अमृतसर के आसमान में सूर्य ग्रहण दिखाई दिया।#SolarEclipse pic.twitter.com/PcDGM1ZX0k
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 25, 2022
सूर्य ग्रहण का अब मध्यकाल शुरू हो चुका है। कुछ ही देर में तय समय के अनुसार, सभी को अपने-अपने इलाकों में ग्रहण देखने को मिल सकता है। करीब 7 घंटे तक चलने वाले इस ग्रहण को ज्यादातर लोग साढ़ 4 बजे से साढ़ पांच बजे तक देख सकेंगे। साढ़े 5 बजे केे बाद ग्रहण का मोक्षकाल यानी ग्रहण समाप्ति का समय होगा।
ग्रहण काल के बाद लोगों को चाहिए कि स्नान कर खुद को पवित्र करें और मंदिर के देवी-देवताओं को भी स्नान कराएं। घर के मंदिर में बैठे देवताओं व घर में गंगाजल का छिड़ककर स्थान को पवित्र करें। जो लोग ग्रहण के दौरान अन्न-जल नहीं लिया वे अब ग्रहण के बाद भोजन कर सकते हैं। ग्रहण का सूतक काल ग्रहण ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले और ग्रहण समाप्ति के 12 घंटे बात तक माना गया है। ऐसे में सूतक काल समाप्त होने के बाद ही मंदिरों में पूजा होगी। हालांकि जो लोग ज्योतिष या सनातन परंपराओं में आस्था नहीं रखने उन्हें कुुछ भी करने की जरूरत नहीं है।
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