धर्म-अध्यात्म

चांदी के आभूषण इन तीन राशियों के लोगों के लिए है अशुभ, जानें

Kunti Dhruw
9 April 2021 9:46 AM GMT
चांदी के आभूषण इन तीन राशियों के लोगों के लिए है अशुभ, जानें
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चांदी के आभूषण इन तीन राशियों के लोगों के लिए है अशुभ, जानें

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : ज्‍योतिष के अनुसार सभी धातुओं पर ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभाव होते हैं। सोने को जिस प्रकार से गुरु की धातु माना जाता है उसी प्रकार से चांदी पर भी चंद्रमा का आधिपत्‍य होता है। मगर राशि चक्र में 3 राशियां ऐसी मानी गई हैं जिन्‍हें चांदी के आभूषण नहीं पहनने चाहिए। मेष, धनु और सिंह ये तीनों ही राशियां अग्नि तत्‍व की राशियां कहलाती हैं। इन्‍हें चांदी के गहने नहीं पहनने चाहिए। दरअसल ज्‍योतिष में ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा का संबंध जल तत्‍व से है। इसलिए चांदी उन राशियों के लोगों को नहीं पहननी चाहिए जो अग्नि तत्‍व से संबंध रखते हों। दोनों एक-दूसरे के विरोधी तत्‍व हैं, जिनको एक-साथ मिलाने पर भारी नुकसान हो सकता है। आइए आपको बताते हैं कि चांदी के आभूषण पहनने के क्‍या हैं नियम और किनके लिए यह शुभ है और किनके लिए यह अशुभ है।

मेष राशि के लिए यह भी मत
ज्‍योतिष के कुछ मतों में यह भी कहा जाता है कि चंद्रमा मेष राशि में सुखेश यानी कुंडली में पंचम भाव का स्वामी होता है जिससे मोती को चांदी के साथ धारण करने से लव लाइफ, शिक्षा और भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही यह बात भी ध्‍यान रखें कि चांदी के साथ सोने के अलावा कोई भी अन्‍य धातु न मिलाकर पहनें।
इन राशियों के लिए शुभ हैं चांदी के आभूषण
ज्‍योतिष में ऐसा माना जाता है कि चांदी के आभूषण कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए बहुत शुभ होते हैं। इन राशियों को जल तत्‍व की राशियां माना जाता है और चांदी भी जल तत्‍व की राशि होने के कारण इन राशियों के लोगों के लिए शुभ मानी जाती है। मेष, सिंह और धनु के लिए चांदी शुभ नहीं मानी जाती है। जबकि बाकी राशियों के लिए चांदी पहनना सामान्‍य फल देता है।
चांदी के प्रयोग से शुक्र होता है मजबूत
ज्‍योतिष में ऐसा माना जाता है कि चांदी का प्रयोग करने से हमारा शुक्र मजबूत होता है। सामर्थ्‍य के अनुसार घर में चांदी के बर्तनों का प्रयोग करने से शुक्र ग्रह प्रसन्‍न होते हैं और दांपत्‍य जीवन में मधुरता आती है। वहां चांदी का छल्‍ला कनिष्‍ठा उंगली में धारण करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके साथ ही बच्‍चों को गले में चांदी का चंद्रमा पहनाने से वह सर्दी और कफ के कारण होने वाली समस्‍याओं से दूर रहते हैं। इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि जो लोग हार्मोंस के कारण होने वाली परेशानियों से जूझ रहे हैं उनके लिए भी चांदी का प्रयोग अच्‍छा होता है और उनकी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या सुधरने लगती है।
भगवान शिव की आराधना
चांदी का प्रयोग केवल ग्रहदशा सुधारने के लिए ही नहीं बल्कि भगवान की पूजा में भी किया जाता है। ऐसी मान्‍यता है कि चांदी की उत्‍पत्ति भगवान शिव के नेत्रों से हुई है। ऐसा माना जाता है कि अगर सोमवार को शिवजी को चांदी के लोटे से जल अर्पित किया जाए और पंचामृत से उनका अभिषेक किया जाए तो भोलेबाबा प्रसन्‍न होते हैं। अविवाहित पुरुष हर सोमवार को ऐसा करें तो उन्‍हें शीघ्र ही योग्‍य कन्‍या मिल जाती है।
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