धर्म-अध्यात्म

महापुराण में लिखी बातों को समझकर जीवन में उतारा जाए तो कई मुश्किलों बच सकते है

Tara Tandi
17 Sep 2021 6:23 AM GMT
महापुराण में लिखी बातों को समझकर जीवन में उतारा जाए तो कई मुश्किलों बच सकते है
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आमतौर पर गरुड़ पुराण का पाठ किसी की मृत्यु के बाद किया जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आमतौर पर गरुड़ पुराण का पाठ किसी की मृत्यु के बाद किया जाता है. मान्यता है कि इससे मरने वाले की आत्मा को सद्गति प्राप्त होती है क्योंकि गरुड़ पुराण के जरिए आत्मा को मुक्ति का मार्ग पता चल जाता है और उसे अपनों का मोह छोड़ने में आसानी होती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि गरुड़ पुराण सिर्फ आत्मा को ही राह दिखाता है. ये पुराण जीवित लोगों को भी जीवन जीने की कला सिखाता है.

गरुड़ पुराण में 19 हजार श्लोक हैं, जिसमें से 7 हजार श्लोकों में सिर्फ धर्मपूर्वक और संतुलन के साथ जीवन जीने की कला बताई गई है. इसके बाद मृत्यु और मृत्यु के बाद की यात्रा का जिक्र किया गया है. यदि गरुड़ पुराण में लिखी इन बातों का नियमपूर्वक अनुसरण किया जाए तो अपने जीवन को बहुत आसान बनाया जा सकता है.

जानिए सुखी जीवन की खास बातें

1. गरुड़ पुराण के मुताबिक यदि पति-पत्नी का भरोसा एक-दूसरे से खत्म हो जाए तो ऐसा परिवार टूट जाता है. इसलिए ऐसा कोई काम न करें जिससे किसी का विश्वास आहत हो. हर परिस्थिति का धैर्यपूर्वक निपटारा करें.

2. कहा जाता है कि पहला सुख निरोगी काया. अगर शरीर स्वस्थ है तो आप कुछ भी करने में सक्षम हैं, लेकिन अगर शरीर अस्वस्थ हो गया तो क्षमताएं भी व्यर्थ हो जाती हैं. इसलिए अगर आपके जीवनसाथी को कोई बीमारी हो जाएं, तो धैर्य रखकर पूरे विश्वास से उसकी सेवा करें और उसे स्वस्थ बनाएं. ऐसे में आपकी जीवनसाथी के साथ बॉडिंग अच्छी होगी, साथ ही उसके स्वस्थ होने पर आप नुकसान की भरपाई आसानी से कर लेंगे. इसलिए किसी बात की फिक्र किए बगैर जीवनसाथी को पूरी तरह ठीक करने का प्रयास करें.

3. यदि किसी व्यक्ति की संतान उसकी बात ही न सुने, तो उस व्यक्ति को समाज में कई बार संतान की वजह से अपमान सहना पड़ता है. इसलिए अगर अपना सुखी जीवन चाहते हैं तो अपनी संतान को अच्छे संस्कार दें और बड़ों का आदर करना सिखाएं.

4. यदि आपसे छोटा व्यक्ति या छोटे पद का व्यक्ति आपका अपमान कर दे, तो वो स्थिति बहुत दुखदायी हो जाती है. इसलिए ऐसी नौबत ही न आने दें. कभी छोटे व्यक्ति से बहस न करें.

5. किसी काम में बार बार प्रयास के बाद भी सफलता न मिलने पर व्यक्ति काफी परेशान हो जाता है. इसलिए अपने स्वभाव को सकारात्मक बनाइए. हमेशा गलती की वजह को जानने का प्रयास करें. उसके बाद नई कोशिश करें. यदि आपके व्यवहार में सकारात्मकता आ गई तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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