धर्म-अध्यात्म

कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त,महत्व और पूजा विधि

Kajal Dubey
6 Nov 2021 1:36 PM GMT
कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त,महत्व और पूजा विधि
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हिंदू शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत बड़ा महत्व माना जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत बड़ा महत्व माना जाता है. इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक असुर का विनाश किया था. तभी से भगवान शंकर को त्रिपुरारी कहा जाता है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव 19 नवंबर (शुक्रवार) को मनाया जाएगा. दरअसल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है. कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव पांच दिनों तक चलता है. यह प्रबोधिनी एकादशी के दिन से शुरू होता है और पूर्णिमा के दिन खत्म होता है.

कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 18 नवंबर (गुरुवार) दोपहर 11 बजकर 55 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 19 नवंबर (शुक्रवार) दोपहर 02 बजकर 25 मिनट तक
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है. कार्तिक पूर्णिमा का दिन देवी-देवताओं को खुश करने का दिन होता है. इसीलिए इस दिन लोग पवित्र गंगा में डुबकी लगाकर और दान-दक्षिणा करके पुण्य कमाते हैं. कार्तिक स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को अपार सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर किसी पवित्र नदी या जलकुंड में स्नान करना चाहिए. साथ ही इस दिन दान-पुण्य के कार्य और दीपदान करना चाहिए.
कार्तिक पूर्णिमा को धार्मिक समारोहों को करने के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. इसीलिए इस दिन कई अनुष्ठानों और त्योहारों का समापन होता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए शुभ समारोह से घर में खुशियां आती हैं. मान्यता है कि इस दिन घी का दान करने से संपत्ति बढ़ती है और ग्रहयोग के कष्ट दूर होते हैं. कार्तिक पूर्णिमा का व्रत करने वालों को शिव जी की असीम कृपा प्राप्त होती है.
कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए. अगर संभव हो सके तो पवित्र नदी में स्नान करके व्रत का संकल्प करें. उसके बाद लक्ष्मी नारायण की देसी घी का दीपक जलाकर विधि विधान से पूजा करें.इस दिन सत्यनारायण की कथा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. भगवान विष्णु को इस दिन खीर का भोग लगाना चाहिए. वहीं इस दिन शाम को लक्ष्मी-नारायण की आरती करके तुलसी जी के पास घी का दीपक जलाना चाहिए. कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर में भी दीपक जलाना चाहिए. इस दिन हो सके तो गरीबों को दान दें और भूखों को भोजन कराएं.
मान्यता है कि इस दिन ही मां तुलसी का पृथ्वी पर आगमन हुआ था. इसीलिए इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करने से अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक पुण्य प्राप्त होता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के दरवाजे पर आम के पत्ते का तोरण जरूर लगाएं. वहीं इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल में शहद और कच्चा दूध मिलाकर चढ़ाने से भोलेनाथ खुश होते हैं. इस दिन संध्या के समय जल में दीपदान करना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में बरकत होती है. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी, जल, मुख्य द्वार और पूजा घर में दीपक जलाने से पितृ भी प्रसन्न होते हैं.


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