धर्म-अध्यात्म

कल मनाई जाएगी सावन की शिवरात्रि, इस शुभ समय में करेंगे जलाभिषेक

Renuka Sahu
25 July 2022 2:50 AM GMT
Shivratri of Sawan will be celebrated tomorrow, will perform Jalabhishek in this auspicious time
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फाइल फोटो 

शिवरात्रि पर भगवान आशुतोष का रूद्राभिषेक या जलाभिषेक करने का बहुत महत्व है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शिवरात्रि पर भगवान आशुतोष का रूद्राभिषेक या जलाभिषेक करने का बहुत महत्व है। सावन की शिवरात्रि के दिन व्रत रखने से मनुष्य को शिवलोक की प्राप्ति होती है व अनजाने में हुये पापों से मुक्ति भी मिलती है।

बिजनौर के सिविल लाइन स्थित धार्मिक संस्थान विष्णुलोक के ज्योतिषविद् पंड़ित ललित शर्मा ने बताया कि देवों के देव महादेव का सबसे प्रिय माह सावन चल रहा है। वैसे तो इस महीने का प्रत्येक दिन बहुत शुभ है, लेकिन सावन का सोमवार व शिवरात्रि का विशेष महत्व है। शिवरात्रि पर शिवलिंग का रूद्राभिषेक व जलाभिषेक करने का बहुत महत्व है। समुंद्र मंथन के समय हलाहल विष को भगवान शिव ने अपने कंठ में रखा था, ताकि संसार के समस्त प्राणियों पर विष का कोई दुष्प्रभाव न पड़े। इसी विष की अग्नि को शांत करने के लिए सभी देवताओं ने उनका जल व पंचामृत से अभिषेक किया था। इसलिये श्रावण माह में भगवान शिव का जल व पंचामृत से अभिषेक करने का विधान है। जिसमे शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी, इत्र, चंदन, भांग, धतूरा, बेलपत्र, रूद्राक्ष व सफेद फूल चढ़ाने से भगवान प्रसन्न होते है।
सुबह 5:44 से जलाभिषेक का श्रेष्ठ समय
पंड़ित ललित समय ने बताया कि 26 जुलाई की सुबह 5:44 बजे से 8:28 तक जलाभिषेक का श्रेष्ठ समय है। जबकि सांय 7:24 बजे से रात 9:28 बजे तक प्रदोष काल रहेगा।
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