धर्म-अध्यात्म

राजेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग दिन भर में 3 बार बदलता है अपना रंग

Ritisha Jaiswal
20 July 2022 12:52 PM GMT
राजेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग दिन भर में 3 बार बदलता है अपना रंग
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महादेव के सबसे प्रिय माह सावन में शिव की पूजा से करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. कई प्राचीन शिव मंदिर अनोखे और बेहद अदभुत हैं.

महादेव के सबसे प्रिय माह सावन में शिव की पूजा से करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. कई प्राचीन शिव मंदिर अनोखे और बेहद अदभुत हैं. आगरा के चारों कोने पर भगवान महादेव के चार प्रसिद्ध मंदिर मौजूद हैं और उनमें से एक है राजेश्वर महादेव मंदिर. इस मंदिर के चमत्कार के बारे में कई कहानियां प्रसिद्ध हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चमत्कार की बात ये है कि यहां पर स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है. सुबह की मंगला आरती पर सफेद ,दोपहर को हल्का नीला और शाम की आरती के समय गुलाबी रंग को हो जाता है.

राजेश्वर महादेव मंदिर लगभग 900 साल पुराना है और यहां पर सावन के पहले सोमवार को बड़ा मेला लगता है. हजारों की संख्या में शिव भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करके भगवान महादेव को की पूजा करते हैं. मान्यता है कि महादेव के दरबार से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता.
जानें राजेश्वर मंदिर का इतिहास
मंदिर की स्थापना के बारे में पीढ़ी दर पीढ़ी लोग कहानियां सुनते और सुनाते चले आ रहे हैं. राजेश्वर मंदिर से जुड़ी एक कहानी ये भी है कि करीब 900 साल पहले राजस्थान के राजाखेड़ा में रहने वाले एक साहूकार नर्मदा से भगवान महादेव की पिंडी लेकर आ रहे थे. रास्ते में उनका पड़ाव उस जगह पड़ा जहां पर आज शिवलिंग है. स्नान के बाद जब साहूकार शिवलिंग को बैलगाड़ी में रख कर ले जा रहा था तो बैलगाड़ी से छटककर यहीं स्थापित हो गया, तब से इस मंदिर का नाम राजेश्वर मंदिर पड़ गया.
अंग्रेज करते थे परिक्रमा के दौरान भक्तों के लिए व्यवस्था
राजेश्वर मंदिर ट्रस्ट के उप महासचिव राज ठाकुर बताते हैं कि उस वक्त राजेश्वर मंदिर के समीप से यमुना गुजरती थी. लोग यमुना से पानी लाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करते थे. अंग्रेजी हुकूमत के सामय परिक्रमा करने वाले शिवभक्तों के लिए अंग्रेज व्यवस्था करते थे. बल्लियां लगाकर उस पर लालटेन लगाई जाती थीं. सोमवार की आरती के लिए मंदिर के आस पास के गांव वालों को इकट्ठा किया जाता था.
7 सोमवार जलाभिषेक करने से होती हैं सभी मनोकामनाएं पूर्ण
पुजारी रूपेश उपाध्याय बताते हैं कि अगर कोई भक्त सच्चे मन से 7 सोमवार भगवान राजेश्वर शिवलिंग पर जलाभिषेक करता है तो उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. सालों से पूरी श्रद्धा के साथ भक्त मंदिर में आते हैं. उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यही वजह है कि आज उनकी प्रसिद्धि आसपास ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी है. बाबा के चमत्कार से प्रभावित होकर ASI से रिटायर प.चंद्रमोहन शर्मा लगभग पिछले 45-50 सालों से राजेश्वर मंदिर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वे मंदिर को साफ और स्वच्छ रखते हैं.


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