धर्म-अध्यात्म

Shiva Mrityunjay: सोमवार को ऐसे करें भगवान शिव की प्रसन्न , दूर होंगी समस्या

Tara Tandi
8 Dec 2024 11:41 AM GMT
Shiva Mrityunjay: सोमवार को ऐसे करें भगवान शिव की प्रसन्न , दूर होंगी समस्या
x
Shiva Mrityunjay ज्योतिष न्यूज़। सोमवार के दिन शिव परिवार की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि सोमवार व्रत करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और जल्द विवाह के योग बनते हैं। अगर आप जीवन में किसी समस्या या रोग का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे में सोमवार के दिन शिव मृत्युञ्जय स्तोत्र का पाठ करें। इससे सभी समस्या दूर होगी और कारोबार में सफलता मिलेगी।
सनातन धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को प्रिय है। क्योंकि सनातन शास्त्रों में इस दिन शिव परिवार की विधिपूर्वक उपासना करने का विधान है। साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इन कामों को करने से महादेव की जातक पर सदैव कृपा बनी रहती है और जीवन सदैव खुशहाल होता है।
सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है।
इस दिन व्रत करने से मनचाहा वर मिलता है।
महादेव की पूजा से सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार के दिन शिव परिवार की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि सोमवार व्रत करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और जल्द विवाह के योग बनते हैं। अगर आप जीवन में किसी समस्या या रोग का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे में सोमवार के दिन शिव मृत्युञ्जय स्तोत्र का पाठ करें। इससे सभी समस्या दूर होगी और कारोबार में सफलता मिलेगी।
॥ शिव मृत्युञ्जय स्तोत्र ॥
रत्नसानुशरासनं रजताद्रिश्रृंगनिकेतनं
शिञ्जिनीकृतपन्नगेश्वरमच्युतानलसायकम्।
क्षिप्रदग्धपुरत्रयं त्रिदशालयैरभिवंदितं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥1॥
पंचपादपपुष्पगन्धिपदाम्बुजद्वयशोभितं
भाललोचनजातपावकदग्धमन्मथविग्रहम्।
भस्मदिग्धकलेवरं भवनाशिनं भवमव्ययं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥2॥
मत्तवारणमुख्यचर्मकृतोत्तरीयमनोहरं
पंकजासनपद्मलोचनपूजितांगघ्रिसरोरुहम्।
देवसिद्धतरंगिणी करसिक्तशीतजटाधरं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥3॥
कुण्डलीकृतकुण्डलीश्वरकुण्डलं वृषवाहनं
नारदादिमुनीश्वरस्तुतवैभवं भुवनेश्वरम्।
अंधकान्तकमाश्रितामरपादपं शमनान्तकं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥4॥
यक्षराजसखं भगाक्षिहरं भुजंगविभूषणं
शैलराजसुतापरिष्कृतचारुवामकलेवरम्।
क्ष्वेडनीलगलं परश्वधधारिणं मृगधारिणं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥5॥
भेषजं भवरोगिणामखिलापदामपहारिणं
दक्षयज्ञविनाशिनं त्रिगुणात्मकं त्रिविलोचनम्।
भुक्तिमुक्तिफलप्रदं निखिलाघसंघनिबर्हणं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥6॥
भक्तवत्सलमर्चतां निधिमक्षयं हरिदम्बरं
सर्वभूतपतिं परात्परमप्रमेयमनूपमम्।
भूमिवारिनभोहुताशनसोमपालितस्वाकृतिं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥7॥
विश्वसृष्टिविधायिनं पुनरेव पालनतत्परं
संहरन्तमथ प्रपंचमशेषलोकनिवासिनम्।
क्रीडयन्तमहर्निशं गणनाथयूथसमाव्रतं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥8॥
रुद्रं पशुपतिं स्थाणुं नीलकण्ठमुमापतिम्।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥9॥
कालकण्ठं कलामूर्तिं कालाग्निं कालनाशनम्।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥10॥
नीलकण्ठं विरुपाक्षं निर्मलं निरूपद्रवम्।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥11॥
वामदेवं महादेवं लोकनाथं जगद्गुरुम्।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥12॥
देवदेवं जगन्नाथं देवेशमृषभध्वजम्।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥13॥
अनन्तमव्ययं शान्तमक्षमालाधरं हरम्।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥14॥
आनन्दं परमं नित्यं कैवल्यपदकारणम्।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥15॥
स्वर्गापवर्गदातारं सृष्टिस्थित्यन्तकारिणम्।
नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥16॥
॥ इति श्रीपद्मपुराणान्तर्गत उत्तरखण्डे श्रीमृत्युञ्जयस्तोत्रं सम्पूर्णम्। ॥
शिव जी के मंत्र
शिव मूल मंत्र - ॐ नमः शिवाय॥
भगवान शिव का गायत्री मंत्र - ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
महामृत्युंजय मंत्र - ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
शिव जी का ध्यान मंत्र - करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा। श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं। विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व। जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥
रुद्र मंत्र - ॐ नमो भगवते रुद्राये।।
Next Story