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धर्म-अध्यात्म
उत्तराखंड के इस मंदिर में हुई थी शिव और पार्वती की शादी, देखें फोटोज
SANTOSI TANDI
10 July 2023 8:41 AM GMT
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उत्तराखंड के इस मंदिर में हुई थी शिव
भारत में बने हर एक मंदिर की अपनी खासियत है। कोई मंदिर बहुत बड़ा है, तो किसी मंदिर में खुद भगवान ने दर्शन दिए थे। माना जाता है कि भगवान शिव और पार्वती की शादी भी उत्तराखंड के त्रियुगीनारायण मंदिर में हुई थी। आइए जानते हैं इस मंदिर का विशेष महत्व।
त्रियुगीनारायण मंदिर
त्रियुगीनारायण मंदिर बहुत खास है, जहां पूजा-पाठ करने पर विशेष फल प्राप्त होते हैं। इस मंदिर को त्रिजुगी नारायण मंदिर नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के परिसर में एक प्रसिद्ध अग्नि कुंड भी है, जिस वजह से कुछ भक्त इस मंदिर को धुनी मंदिर नाम से जानते हैं।
यहां हुई थी शिव और पार्वती की शादी
इस मंदिर की प्रसिद्धि के पीछे एक बहुत बड़ा कारण है कि यहां शंकर और पार्वती ने शादी की थी। शिव और पार्वती की शादी में पार्वती के भाई भी मौजूद थे। वहीं, भगवान ब्रह्मा ने पुजारी के रूप में दोनों का विवाह करवाया था। कहा जाता है कि विष्णु की नाभि से सरस्वती जल धारा बनने की वजह से 3 कुंड बने थे, जिसमें देवताओं ने स्नान किया था। कुछ इस तरह शिव और पार्वती की शादी हुई थी।
विवाह की मुरादे होती हैं पूरी
कहा जाता है कि इस मंदिर में विवाह के लिए मन्नत मांगने पर शुभ फल मिलते हैं। इस मंदिर में पूजा करने के बाद राख ले जाने की भी प्रथा है। माना जाता है कि ऐसा करने पर शादी में आ रही सभी मुश्किलें दूर हो जाती हैं। यही कारण है कि बहुत से लोग इस मंदिर में जाकर शादी भी करते हैं। (विवाह में आ रही हैं अड़चनें तो मां पार्वती के इन मंत्रों का करें जाप)
बहुत खास है ज्वाला
त्रियुगीनारायण मंदिर में जल रही ज्वाला को बहुत खास माना जाता है। कहा जाता है कि सालों से जल रही इसी ज्वाला को साक्षी मानकर शिव और पार्वती शादी के बंधन में बंधे थे।
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