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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | Vivah Muhurat 2023 वैवाहिक बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना गया है. इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है. शास्त्रों में शादी के शुभ योग के लिए नौ ग्रहों में बृहस्पति, शुक्र और सूर्य का शुभ होना जरूरी है.
खरमास की समाप्ति और गुरु ग्रह के उदय होने के साथ पूरे डेढ़ माह बाद एक मई (सोमवार) से लग्न मुहूर्त शुरू होंगे. इस बार मई और जून महीने को मिलाकर कुल 38 लग्न मुहूर्त शेष हैं. इसके बाद फिर पांच मास के बाद 23 नवंबर गुरुवार को देवोत्थान एकादशी के बाद से लग्न शुरू होंगे. बनारसी पंचांग के अनुसार 23 नवंबर से आरंभ होकर 16 दिसंबर तक कुल 17 लग्न हैं. इसके बाद अगले साल 15 जनवरी 2024 के बाद का मुहूर्त शुरू होगा.
शादी-ब्याह में प्रमुख ग्रहों की शुभता जरूरी
आचार्य राकेश झा ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना बड़ा महत्वपूर्ण होता है. वैवाहिक बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना गया है. इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है. शास्त्रों में शादी के शुभ योग के लिए नौ ग्रहों में बृहस्पति, शुक्र और सूर्य का शुभ होना जरूरी है. रवि-गुरु के संयोग सिद्धिदायक और शुभ फलदायी होते हैं. इन तिथियों पर शादी-विवाह को बेहद शुभ माना गया है.
29 जून से 23 नवंबर तक नहीं होंगे शुभ कार्य
इस साल 29 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी होने से वैवाहिक व मांगलिक शुभ कार्य पर पाबंदी लग जायेगी. इस दिन भगवान विष्णु शयन के लिए क्षीरसागर में चले जायेंगे. उनके शयन के बाद सभी प्रकार के शुभ कार्य नहीं होते हैं. फिर 23 नवंबर को कार्तिक शुक्ल देवोत्थान एकादशी को भगवान नारायण निंद्रा से जागृत होंगे. तब सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे.
शादी-विवाह के शुभ लग्न मुहूर्त
मई: 1, 3, 7, 11, 12,17, 21, 22, 26, 29, 31
जून: 5, 7, 8, 9, 12, 14, 18, 22, 23, 25, 28
(मिथिला पंचाग के अनुसार)
मई: 2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,15,16,17,20,21,22,26,27,28,29,30,31
जून: 1, 3, 4, 5, 6, 7, 11, 12, 13, 16, 17, 22, 23, 25, 26, 27, 28
(बनारसी पंचाग के अनुसार)