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धर्म-अध्यात्म
होली के 8 वें दिन मनाई जाती है शीतला अष्टमी, जानिए किया है पूजा विधि
Tulsi Rao
15 March 2022 5:45 PM GMT
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इस दिन पूजा और व्रत आदि करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और बीमारियों से मुक्ति मिलती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में हर त्योहार का अपना विशेष महत्व है. चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इसे बसौड़ा के नाम से भी जानते हैं. शीतला अष्टमी होली के 8 वें दिन मनाई जाती है. इस दिन शीतला माता को मीठे चावलों का भोग लगाया जाता है. ये चावल गुड़ या गन्ने के रस से बनाए जाते हैं. इस दिन शीतला माता की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस दिन पूजा और व्रत आदि करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और बीमारियों से मुक्ति मिलती है.
कब है शीतला अष्टमी या बसौड़ा 2022
शीतला अष्टमी हर साल होली के आठवें दिन मनाई जाती है. चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही शीतला अष्टमी या बसौड़ा के नाम से जाना जाता है. इस साल शीतला अष्टमी 25 मार्च के दिन मनाई जाएगी. इस दिन शीतला माता की पूजा के साथ-साथ व्रत भी किया जाता है.
शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त-
चैत्र मास की अष्टमी तिथि 25 मार्च, शुक्रवार सुबह 2 बजकर 39 मिनट पर आरंभ होगी, वहीं 26 मार्च, शनिवार सुबह 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी.
जानें क्यों लगाते हैं बासी खाने का भोग-
शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता को बासी खाने का भोग लगाया जाता है. इसलिए ही इसे कहते हैं. जहां होली की पूजा की जाती है, वहीं, बसौड़े की पूजा की जाती है. अष्टमी की पूजा के लिए सप्तमी की रात को ही खाना बनाकर रखा जाता है. और अष्टमी तिथि को शीतला माता को प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है. इस साल शीतला अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 8 मिनट से 6 बजकर 41 मिनट तक है.
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