धर्म-अध्यात्म

Sheetala Ashtami 2022: जानें शीतला अष्टमी का शुभ महूर्त, महत्व और तिथि

Kajal Dubey
10 March 2022 2:32 AM GMT
Sheetala Ashtami 2022: जानें शीतला अष्टमी का शुभ महूर्त, महत्व और तिथि
x
हर वर्ष चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी मनाई जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में हर महीने व्रत और त्योहार आते रहते हैं. हर व्रत और त्योहार का अलग मतलब होता है. वहीं हर वर्ष चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी (Sheetala ashtami 2022) मनाई जाती है. शीतला अष्टमी को बसौड़ा अष्टमी भी कहा जाता है. बसौड़ा शीतला माता (basoda ashtami 2022) को समर्पित एक फेमस फेस्टिवल है. ये होली के आंठवे दिन पड़ता है. हिंदू पंचांग के अनुसार ये फेस्टिवल माघ मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन पूजा के टाइम पर शातली को खासतौर पर मीठे चावलों का भोग लगाया जाता है. मान्यता (sheetala ashtami kab hai 2022) ये भी है कि इस दिन पूरे विधि विधान से पूजा करने पर बीमारियों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख शांति आती है. तो, आइए जानते हैं कि इस साल शीतला अष्टमी (sheetala ashtami kab hai) या बसौड़ा कब है और इसका महत्व क्या है.

शीतला अष्टमी तिथि 2022
शीतला अष्टमी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल शीतला अष्टमी 25 मार्च 2022 के दिन यानी शुक्रवार को मनाई जाएगी. इस दिन माता शीतला की विधि-विधान से पूजा की जाती है और व्रत भी रखा (sheetala ashtami 2022 date) जाता है.
शीतला अष्टमी का महत्व
शीतला अष्टमी का सनातन धर्म में विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि इस दिन माता की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसके साथ ही रोगों से भी मुक्ति मिलती है, क्योंकि माता शीतला को शीतलता प्रदान करने वाला (sheetala ashtami 2022 importance) कहा गया है.
शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त
शीतला अष्टमी का शुभ मुहूर्त चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि का प्रारंभ- 25 मार्च 2022, शुक्रवार रात 12:09 बजे से होगा. वहीं ये 25 मार्च 2022 यानी शुक्रवार रात 10:04 बजे तक समाप्त (sheetala ashtami 2022 puja shubh muhurat) हो जाएगी.
शीतला अष्टमी की पूजा विधि
शीतला अष्टमी के दिन सबसे पहले सुबह नहा-धोकर साफ कपड़े पहनें. उसके बाद पूजा के दौरान हाथ में फूल, अक्षत, जल और दक्षिणा लेकर व्रत का संकल्प लें. फिर, माता को रोली, फूल, वस्त्र, धूप, दीप, दक्षिणा और बासा भोग अर्पित करें. उसके बाद शीतला माता को दही, रबड़ी, चावल आदि चीजों का भी भोग लगाया जाता है. पूजा के टाइम शीतला स्त्रोत का पाठ करें और पूजा के बाद आरती जरूर करें. पूजा करने के बाद माता का भोग खाकर व्रत खोलें. इससे आपके जीवन में चल रही सारी बाधाएं दूर हो (sheetala ashtami 2022 puja vidhi) जाएंगी.


Next Story