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धर्म-अध्यात्म
Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी पर इस विशेष विधि से करें तुलसी की पूजा
Renuka Sahu
20 Jan 2025 6:24 AM GMT
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Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी का व्रत हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है. वहीं इस दिन तुलसी पूजन का भी विषेश महत्व है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, सच्चे मन से षटतिला एकादशी का व्रत और तुलसी पूजन करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है. इससे अलावा सुख-सौभाग्य में भी वृद्धि होती है और जीवन की सभी परेशानीयां दूर होती है|
षटतिला एकादशी तिथि (Shattila Ekadashi 2025 Date)
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत शुक्रवार 24 जनवरी को 7 बजकर 25 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन अगले दिन शनिवार 25 जनवरी को रात 8 बजकर 31 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, इस बार षटतिला एकादशी का व्रत 25 जनवरी को रखा जाएगा
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षटतिला एकादशी तुलसी पूजन विधि (Shattila Ekadashi 2025 Tulsi Puja Vidhi)|
षटतिला एकादशी के दिन सुबह स्नान कर पीले रंग के वस्त्र धारण करें. मंदिरऔर पूजा स्थल की सफाई करने के बाद पूजा शुरू करें. इसके बाद पूजा के बाद तुलसी के पास देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें. तुलसी माता को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें. फिर तुलसी मंत्रो का जप करें. अंत में घर परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें|
तुलसी जी के मंत्र (Tulsi Mata ke Mantra)
महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
मां तुलसी का पूजन मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
तुलसी माता का ध्यान मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
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