धर्म-अध्यात्म

Shattila Ekadashi 2022 : इन छह तरीकों से करें तिल का प्रयोग, जानें इस व्रत के नियम

Rani Sahu
19 Jan 2022 12:28 PM GMT
Shattila Ekadashi 2022 : इन छह तरीकों से करें तिल का प्रयोग, जानें इस व्रत के नियम
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माघ के महीने (Magh Month) की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) के नाम से जाना जाता है

माघ के महीने (Magh Month) की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा के अलावा छह तरीके से तिल (Sesame) का प्रयोग करना अत्यंत शुभ माना जाता है. माना जाता है कि इस व्रत को रखने से व्यक्ति को कन्यादान, हजारों सालों की तपस्या और स्वर्ण दान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है. वो इस जीवन के सारे सुख भोगकर अंत में परमधाम की ओर अग्रसर होता है. इस बार षटतिला एकादशी का व्रत 28 जनवरी 2022 को शुक्रवार के दिन रखा जाएगा. अगर आप भी ये व्रत रखने के बारे में सोच रहे हैं, तो यहां जानिए व्रत के नियमों के बारे में.

षटतिला एकादशी व्रत के नियम
– इस व्रत के नियम दशमी की रात से शुरू हो जाते हैं, जिनका पालन द्वादशी के दिन व्रत पारण के समय तक करना जरूरी होता है.
– दशमी की शाम को सूर्यास्त से पहले बिना प्याज लहसुन का साधारण भोजन करें. रात में भगवान का मनन करते हुए सोएं. अगर जमीन पर बिस्तर लगाकर सो सकें तो बहुत ही उत्तम है.
– सुबह उठने के बाद स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद भगवान के समक्ष एकादशी व्रत का संकल्प लें और उनका विधि विधान से पूजन करें. पूजन के दौरान षटतिला एकादशी व्रत कथा भी जरूर पढ़े.
– संभव हो तो दिनभर निराहार रहें और शाम के समय फलाहार लें. ब्रह्मचर्य का पालन करें और किसी के बारे में गलत विचार न लाएं, न ही किसी की चुगली करें. बस मन में प्रभु के नाम का जाप करें.
– दूसरे दिन द्वादशी पर स्नान आदि के बाद भगवान का पूजन करें और किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और सामर्थ्य के अनुसार दान करें. इसके बाद व्रत का पारण करें.
इन छह तरीकों से करें तिल का प्रयोग
षटतिला एकादशी के दिन तिल का छह तरीके से प्रयोग करें. पहला तिल मिश्रित जल से स्नान करें, दूसरा तिल का उबटन लगाएं, तीसरा भगवान को तिल अर्पित करें, चौथा तिल मिश्रित जल का सेवन करें, पांचवां फलाहार के समय तिल का मिष्ठान ग्रहण करें और छठवां व्रत वाले दिन तिल से हवन करें या तिल का दान करें. जो लोग व्रत नहीं रह रहे हैं, वे भी तिल का छह तरीकों से प्रयोग कर इस दिन का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.
षटतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त
षटतिला एकादशी तिथि प्रारंभ : 28 जनवरी शुक्रवार को 02 बजकर 16 मिनट पर
षटतिला एकादशी समाप्त : 28 जनवरी की रात 23 बजकर 35 मिनट पर
व्रत पारण का शुभ समय : शनिवार को सुबह 07 बजकर 11 मिनट से सुबह 09 बजकर 20 मिनट के बीच. इसके अलावा आप दिन में किसी भी समय पारण कर सकते हैं क्योंकि द्वादशी तिथि पूरे दिन रहेगी. द्वादशी तिथि का समापन 29 जनवरी की रात 08 बजकर 37 मिनट पर होगा.
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