धर्म-अध्यात्म

Shastra: नई दुल्हन के पहले सावन में मायके जाने का क्या है कारण

Sanjna Verma
11 Aug 2024 9:44 AM GMT
Shastra: नई दुल्हन के पहले सावन में मायके जाने का क्या है कारण
x
Shastra शास्त्र: धार्मिक दृष्टिकोण से सावन माह को बहुत ही पवित्र और शुभ माना गया है। यह पूरा महीना भगवान शिव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। सनातन धर्म में कई ऐसी प्रथाएं हैं जिनका पालन हम सदियों से करते चले आ रहे हैं, ऐसी ही रस्मों में से एक है शादी के बाद लड़कियों का पहले सावन में मायके जाना।
इस लिहाज से नवविवाहित महिलाओं के लिए भी सावन के माह का खास महत्व है। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि पहले सावन माह में
Newlyweds
महिलाओं का मायके जाना क्यों शुभ माना जाता है और इसका क्या महत्व है….
मायके जाने का धार्मिक महत्व
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, शादी के बाद पहले सावन पर नवविवाहित दुल्हन को मायके जरूर जाना चाहिए। इसे बहुत ही शुभ माना जाता है। इस परंपरा का सदियों से पालन किया जा रहा है। मान्यता है कि, इस परंपरा को निभाने से मायके और ससुराल के बीच सामंजस्य की स्थिति बनी रहती है और मेल-मिलाप बढ़ता है।
बेटियों को माना जाता है घर की लक्ष्मी
हिंदू धर्म में बेटियों को घर के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। बेटियों को घर की लक्ष्मी कहा जाता है। ऐसे में जब बेटियां शादी के बाद ससुराल चली जाती हैं, तो मायके में उदासी छा जाती है। ऐसे में सावन के माह में बेटी के मायके आने पर घर में फिर से खुशहाली छा जाती है।
पारिवारिक जीवन में बढ़ती है खुशियां
सावन पर नवविवाहित बेटियों का अपने मायके जाने के पीछे का एक कारण यह भी है कि, बेटी से ही घर का भाग्य जुड़ा माना जाता है। ऐसे में सावन के महीने में जब बेटियां अपने मायके आती हैं, तो उसका भाग्य घर के भाग्य को नियंत्रित करता है। इससे पारिवारिक जीवन में खुशियां बढ़ती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। इससे ससुराल और मायके के बीच की स्थिति भी ठीक रहती है।
मायके आकर लगाती हैं तुलसी का पौधा
ऐसी मान्यता है कि शादी के बाद पहले सावन में जब लड़कियां मायके आती हैं तो वे घर में तुलसी का नया पौधा लगाती हैं। इससे मायके के साथ-साथ ससुराल में भी सदैव खुशहाली बनी रहती है। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि का आगमन होता है।
प्राचीन काल से चली आ रही रस्म
प्राचीन समय में यह परंपरा इसलिए भी की जाती थी क्योंकि Girls को ससुराल में बहुत सारे काम करने पड़ते थे। ऐसे में अगर वे कुछ दिनों के लिए अपनी मां के घर चले जाएं तो उन्हें थोड़ा आराम मिल जाएगा. तभी से यह एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाने लगा। हालांकि पहले सावन पर मायके जाना है या नहीं यह हर व्यक्ति का निजी फैसला होता है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी के बाद लड़कियों को पहला सावन अपने मायके में ही मनाना चाहिए।
Next Story