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शिखा या चोटी रखना कोई पुरातन परंपरा का हिस्साी नहीं है बल्कि विज्ञान भी इसकी सारगर्भिता मानता है। विज्ञान के अनुसार शिखा रखने से मनुष्य की नेत्रज्योति सुरक्षित रहती है। शिखा रखने से मनुष्य स्वस्थ, बलिष्ठ, तेजस्वी और दीर्घायु होता है। जानें शिखा रखने के फायदे-
शिखा रखने से मनुष्य प्राणायाम, अष्टांगयोग आदि यौगिक क्रियाओं को ठीक-ठीक कर सकता है। जो भी व्यखक्ति शिखा (चोटी) रखता है, उसके शरीर के अंग, बुद्धि और मन पूरी तरह उसके नियंत्रण में रहते हैं।
यजुर्वेद में शिखा को इन्द्रयोनी कहा गया है। ब्रह्मरन्ध्र ज्ञान, क्रिया और इच्छा इन तीनों शक्तियों की त्रिवेणी है। यह मस्तिइष्कह के अन्य भागों की अपेक्षा ब्रह्मरन्ध्रत को अधिक ठंडापन स्पर्श करता है। बाहर ठंडी हवा होने पर भी यही केशराशि ब्रह्मरंध्र में पर्याप्त ऊष्णता बनाए रखती है। सिर पर शिखा रखने से मनुष्य योगासनों को भी सही तरीके से कर पाता है, इनमें प्राणायाम, अष्टांगयोग आदि प्रमुख हैं। इसकी सहायता से नेत्रों की रोशनी भी सही रहती है और वह शारीरिक रूप से सक्रिय रहता है।
शिखा का दबाव होने से रक्त का प्रवाह रहता है, इसका सीधा लाभ मस्तिष्क को प्राप्त होता है। शिखा एक धार्मिक प्रतीक तो है ही साथ ही मस्तिष्क के संतुलन का भी बहुत बड़ा कारक है।
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