धर्म-अध्यात्म

इन लोगों पर शनि की ढैय्या चल रही है, गणपति की पूजा करने से तमाम कष्ट होंगे दूर

Tara Tandi
11 Sep 2021 12:08 PM GMT
इन लोगों पर शनि की ढैय्या चल रही है,  गणपति की पूजा करने से तमाम कष्ट होंगे दूर
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आज 10 सितंबर से देशभर में गणेश उत्सव शुरू हो गया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आज 10 सितंबर से देशभर में गणेश उत्सव शुरू हो गया है और ये अगले 10 दिनों तक चलेगा. अनंत चतुर्दशी के दिन इस पर्व का समापन होगा. गणपति बप्पा अमंगल को भी मंगल बना देते हैं, इसीलिए उनको घर में लाते समय 'गणपति बप्पा मोरया' और 'मंगलमूर्ति मोरया' कहा जाता है.

यदि गणपति बप्पा की सच्चे मन से पूजा अर्चना की जाए तो तमाम ग्रहों के विपरीत प्रभाव दूर होते हैं. दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है. इस समय मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. ऐसे में ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इन राशियों के लोग गणेश उत्सव के दौरान गणेश की सच्चे मन से आराधना करें तो उन्हें शनि की ढैय्या की पीड़ा से काफी हद तक मुक्ति मिल सकती है. साथ ही आर्थिक लाभ भी होने के आसार हैं.

मिथुन राशि

गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक के 10 दिन आपके लिए काफी लाभकारी साबित हो सकते हैं. इस मौके का आपको पूरा लाभ लेना चाहिए. इन दिनों में भगवान गणेश की श्रद्धा के साथ पूजा कीजिए और उन्हें नियमित दूर्वा चढ़ाइए. साथ ही उनसे अपने कष्टों को दूर करने की प्रार्थना कीजिए. ये समय अपने काम में खुद को पूरी लगन और मेहनत के साथ लगाने का है. आप पूरी मेहनत के साथ जो भी करेंगे, आपको उसमें सफलता जरूर मिलेगी. आपकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर होने के आसार हैं.

तुला राशि

नौकरीपेशा वालों के लिए ये दस दिन बहुत शानदार हैं. इस दौरान आप नियमित रूप से गणपति की पूजा करें और संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें. इसके बाद गणपति से अपने संकटों को दूर करने की प्रार्थना करें. इससे आपके करियर में आ रही हर रुकावट और बाधा दूर होगी. कारोबारियों की आमदनी बेहतर होगी. मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर होंगे. मान और सम्मान में वृद्धि होगी.

ये भी ध्यान रखें

– कोई भी निर्णय जल्दबाजी में न लें. धैर्यपूर्वक काम करें.

– चिड़ियों को पानी और दाना डालें और चीटियों को चीनी मिलाकर आटा डालें.

– मांस-मदिरा का सेवन न करें. ब्रह्मचर्य का पालन करें.

– झूठ न बोलें और न ही किसी की चुगली करें. अपने मन में गणपति का नाम जपें.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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