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ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन शिव पूजा को समर्पित प्रदोष व्रत को विशेष माना जाता है जो कि हर माह में दो बार आता है इस दिन भक्त प्रदोष काल में शिव की विधिवत पूजा करते है और दिनभर उपवास भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से शिव का आशीर्वाद मिलता है।
पंचांग के अनुसार चैत्र का पहला प्रदोष व्रत शनि प्रदोष व्रत है जो कि चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाई जा रही है इस दिन शनिवार पड़ने के कारण ही इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है शनि प्रदोष व्रत पर विधिवत शिव साधना करने से संतान संबंधित समस्याएं दूर हो जाती है और वंश वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि इस बार शनि प्रदोष व्रत कब मनाया जा रहा है तो आइए जानते हैं।
शनि प्रदोष व्रत की तारीख—
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 6 अप्रैल दिन शनिवार को है। इस दिन त्रयोदशी तिथि का आरंभर सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर हो रहा है वही इसका समापन अगले दिन यानी 7 अप्रैल दिन रविवार को सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर हो जाएगा। वही पंचांग के अनुसार शनि प्रदोष व्रत 6 अप्रैल को रखा जाएगा।
इस दिन शिव साधना प्रदोष काल यानी रात्रि में की जाती है। 6 अप्रैल दिन शनिवार को शिव पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम को 6 बजकर 42 मिनट से लेकर रात्रि के 8 बजकर 58 मिनट तक मिल रहा है इस मुहूर्त में शिव साधना करने से जातक के जीवन में खुशहाली आती है और सारे दुख दूर हो जाते हैं।
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Tara Tandi
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