धर्म-अध्यात्म

इन देवी-देवताओं के भक्‍तों पर शनि देव नहीं डालते बुरी नजर, युद्ध में हो चुके हैं पराजित

Tulsi Rao
10 Jan 2022 10:29 AM GMT
इन देवी-देवताओं के भक्‍तों पर शनि देव नहीं डालते बुरी नजर, युद्ध में हो चुके हैं पराजित
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इसमें भगवान हनुमान की आराधना करने के अलावा पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना आदि भी शामिल है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र में भगवान शनि को क्रूर देवता माना गया है और हर व्‍यक्ति उनकी बुरी नजर से बचना चाहते हैं. लोगों के मन में शनि देव के प्रति डर के भाव ही रहते हैं इसलिए वे शनि देव की कृपा पाने के लिए ढेरों उपाय भी करते रहते हैं. हिंदू धर्म और ज्‍योतिष में शनि के प्रकोप से बचने के कई तरीके भी बताए गए हैं. इसमें भगवान हनुमान की आराधना करने के अलावा पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना आदि भी शामिल है.

इन लोगों पर कभी नहीं पड़ता शनि का साया
धर्म और ज्‍योतिष में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है, जिन पर शनि का बुरा साया कभी नहीं पड़ता है और इसके पीछे की खास वजहें भी बताई गईं हैं. ये लोग उन देवी-देवताओं के भक्‍त होते हैं, जिनसे शनि देव ही खौफ खाते हैं इसलिए वे उनके भक्‍तों की ओर कभी आंख उठाकर भी नहीं देखते हैं.
इनसे खौफ खाते हैं शनि
भले ही शनि की नाराजगी से भगवान शिव तक न बच पाएं हों लेकिन 4 चीजें ऐसी हैं, जिनसे शनि देव भी खौफ खाते हैं.
भगवान हनुमान: भगवान हनुमान के भक्‍तों पर शनि देव कभी बुरी नजर नहीं डालते हैं. बल्कि कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हों तो भगवान हनुमान की आराधना करने से वे अच्‍छा फल देने लगते हैं. दरअसल, पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी ने शनिदेव को रावण की कैद से मुक्ति दिलाई थी. इस कारण शनि देव हमेशा हनुमान के भक्‍तों पर कृपा ही करते हैं.
पीपल: शनि के अशुभ असर को कम करने के लिए पीपल के पेड़ से जुड़े कई उपाय बताए जाते हैं. इसके पीछे वजह है कि ऋषि पिप्लाद के माता-पिता की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी. जब वह बड़े हुए तो उन्हें पता चला कि शनि की महादशा के कारण ही उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी. यह जानकर पिप्लाद काफी क्रोधित हुए और उन्‍होंने ब्रह्माजी को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर घोर तप किया. जब ब्रह्माजी ने उनसे वर मांगने को कहा, तो पिप्लाद ने ब्रह्मदंड मांगा और पीपल के पेड़ में बैठे शनिदेव पर ब्रह्मदंड से प्रहार कर दिया. इससे शनिदेव के पैर टूट गए. शनि पिप्लाद से और पीपल के पेड़ से भय खाने लगे.
भगवान शिव: पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार भगवान शिव को शनि देव से युद्ध करना पड़ा था, तब शनि ने उन पर मारक दृष्टि डाल दी थी. तब शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोलकर शनि को गहरा आघात पहुंचाया था. इसलिए शनि बाद में शनि से डरने लगे थे.
पत्‍नी चित्ररथ: आम लोगों की तरह शनि देव भी अपनी पत्‍नी चित्ररथ से डरते हैं. इसके पीछे एक कथा है कि भगवान शनि की पत्‍नी चित्ररथ एक बार उनके पास संतान प्राप्ति की इच्‍छा लेकर आईं, लेकिन श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन शनि ने उन पर ध्‍यान ही नहीं दिया. तब चित्ररथ ने नाराज होकर उन्‍हें श्राप दे दिया. तभी से शनि की नजर टेढ़ी हो गई.


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