धर्म-अध्यात्म

30 अप्रैल को है शनि अमावस्या, इस दिन इन मंत्रों का जाप, जीवन से हर कष्ट होगा दूर

Rani Sahu
27 April 2022 10:37 AM GMT
30 अप्रैल को है शनि अमावस्या, इस दिन इन मंत्रों का जाप, जीवन से हर कष्ट होगा दूर
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30 अप्रैल 2022 का दिन बहुत की खास और महत्वपूर्ण है

Shani Amavasya 2022: 30 अप्रैल 2022 का दिन बहुत की खास और महत्वपूर्ण है. इस दिन सूर्य ग्रहण लगने के अलावा शनि अमावस्या (Shani Amavasya) भी है. शनि अमावस्या का अपना ही एक खास महत्व होता है. शनि अमावस्या पर कई तरह के संयोग बनते हैं. शनिवार के दिन पड़ी अमावस्या तिथि को अलग अलग तरीकों से पूजा पाठ करके मनाया जाता है. अगर इस अमावस्या को कुछ खास उपाय किए जाएं तो व्यक्ति सभी कष्टों से मुक्ति हो जाता है. अमावस्या के अवसर पर गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने का खास महत्व होता है. इस दिन खास रूप से गरीबों को दान करने का भी महत्व है. माना जाता है कि इस दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. अगर शनि अमावस्या के दिन शनि देव (Lord Shani) की पूजा करते हैं और साढ़ेसाती एवं ढैय्या के दुष्प्रभावों से राहत मिलती है. शनिदेव की विशेष कृपा पाने के लिए इस दिन आप कुछ मंत्रों (Shani mantra) का जाप करना चाहिए. आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में….

जानिए शनिदेव का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्

शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः

तांत्रिक शनि मंत्र:
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः

शनि बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः

सामान्य मंत्र-
ॐ शं शनैश्चराय नमः

शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्

क्या है शनि अमावस्या शुभ मुहुर्त?
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या शनिवार 30 अप्रैल, 2022 को है. इस दिन शनि अमावस्या पड़ रही है. अमावस्या तिथि 30 अप्रैल की देर रात को 12 बजकर 59 मिनट से लगना शुरू होकर 01 मई को देर रात 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी. यही कारण है कि उदया तिथि के आधार पर ही 30 अप्रैल के शाम को खास रूप से भक्त शनि देव की पूजा-अर्चना की जाएगी.

शनिदोष से छुटकारा पाने के लिए करें ये महाउपाय
जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने के लिए शनि अमावस्या के दिन हर किसी को खास रूप से पीपल के पेड़ की पूजा करना चाहिए और फिर जल अर्पित करना चाहिए. इसके बाद शाम के समय में शनि देव के आगे और पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए.

शनि अमावस्या पर करें इन 6 मंत्रों का जाप
धार्मिक मान्यता के अनुसार, शनि अमावस्या पर पंचामृत स्नान, तिल-तेल से शनि देव का अभिषेक करें और इस के साथ ही शनि देव के आगे शनि चालीसा का पाठ करें. इसके अलावा शनि मंदिर में जाकर प्रभु से कष्टों के निवारण की प्रार्थना करें और शनिदेव की प्रतिमा के समक्ष सरसों के तेल का दीपक और सरसों के तेल के बने मिष्ठान अर्पित करें.


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