धर्म-अध्यात्म

आज से शुभ संयोग में सावन शुरू, क्या करें और क्या नहीं, करें शिव चालीसा का पाठ

Subhi
14 July 2022 3:26 AM GMT
आज से शुभ संयोग में सावन शुरू, क्या करें और क्या नहीं, करें शिव चालीसा का पाठ
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आज से सावन का पवित्र महीना आरंभ हो गया है। भगवान शिव की आराधना के लिए सावन का महीना बहुत ही विशेष माना गया है। 14 जुलाई से सावन शुरू होकर 12 अगस्त तक रहेगा।

आज से सावन का पवित्र महीना आरंभ हो गया है। भगवान शिव की आराधना के लिए सावन का महीना बहुत ही विशेष माना गया है। 14 जुलाई से सावन शुरू होकर 12 अगस्त तक रहेगा। सावन माह में भगवान शिव का जलाभिषेक,पूजा-पाठ और आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस बार सावन माह में कुल मिलाकर 8 दिन रवि योग और 7 दिन सर्वार्थसिद्धि योग बनेगा। वहीं सावन के महीने में इस बार चार सोमवार व्रत रखे जाएंगे।

सावन का महीना हिंदुओं के लिए बहुत ही पवित्र महीना होता है। पूरे सावन के महीने में भगवान शिव के भक्त सच्चे मन और लगन के साथ शिव भक्ति में लीन रहते हैं। सावन के महीने में दिन की शुरुआत भोलेभंडारी के जलाभिषेक और विशेष पूजा-अर्चना के साथ होती है। शिव मंदिरों में भारी संख्या में लोग एकत्रित होकर बोल बम के जयकारे लगाते हुए शिव आराधना करते हैं। इस बार सावन का महीना कुल मिलाकर 29 दिन का रहेगा। 14 जुलाई से शुरू होने वाले सावन महीने के पहले दिन दो शुभ योग भी बन रहा है जिस कारण से पूजा-आराधना का महत्व और भी बढ़ गया है। सावन महीने के पहले दिन विष्कुंभ और प्रीति योग बन रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस योग में सावन की शुरुआत बहुत ही फलदायी है।

सभी शिव भक्तों को सावन महीने का इंतजार बेसब्री से रहता है। इस महीने में शिव आराधना विधि विधान से करने पर भगवान भोलेनाथ जल्दी से प्रसन्न हो जाते हैं और हर तरह की मनोकामना पूरी करते हैं। सावन के महीने में शिव पूजा के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं जिसका पालन जरूर करना चाहिए।

सावन के महीने क्या करें जरूर जानें

सावन के महीने में शिव मंदिर जरूर जाएं और वहां पर भगवान शिव के दर्शन करें और शिवजी का जलाभिषेक अवश्य करें।

सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद शिवलिंग की पूजा करें और लगातार ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप जरूर करें।

सावन माह में पड़ने वाले सोमवार पर व्रत जरूर रखें और सोमवार व्रत का पाठ और कथा सुने।

सावन महीने में शिव पूजन में महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए।

सावन के महीने में शिवलिंग का रुद्राभिषेक दूध, दही, घी,शहद और गंगाजल से अवश्य करें।

सावन के महीने में तामसिक विचारों और भोजन का त्याग करें।

सावन के महीने में घर या बाहर किसी से लड़ाई-झगड़ा करने से बचें और किसी का भूल से भी अपमान करें।

सावन के महीने में मांस,मदिरा, प्याज-लहसुन,मूली और बैंगन का सेवन न करें।

शिव आरती और शिव चालीसा:

सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-उपासना करने का विशेष महत्व होता है। भगवान शिव को जल्द प्रसन्न करने के लिए इस पूरे माह शिव चालीसा का पाठ और शिव आरती की जाती है।

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