धर्म-अध्यात्म

Sawan Shivratri: इस बार सावन में 4 या 5 सोमवार, जानें सावन शिवरात्रि व्रत कब से शुरू

Kunti Dhruw
20 July 2021 11:45 AM GMT
Sawan Shivratri: इस बार सावन में 4 या 5 सोमवार, जानें सावन शिवरात्रि व्रत कब से शुरू
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संक्रांति के हिसाब से 19 जुलाई सोमवार से सावन का महीना शुरू हो गया है।

संक्रांति के हिसाब से 19 जुलाई सोमवार से सावन का महीना शुरू हो गया है। कुछ शिव भक्तों ने इस दिन से सावन सोमवार का व्रत आरंभ कर दिया है। दरअसल संक्रांति के हिसाब से 16 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो गया है। लेकिन पूर्णिमा के हिसाब से इस साल 4 सोमवार होंगे, जो 26 जुलाई से शुरू हो रहे हैं। संक्रांति के हिसाब से व्रत रखने वालों को इस साल 5 सोमवार व्रत मिलेगा, जो 19 जुलाई से शुरू होकर 16 अगस्त को समाप्त होगा। इसी के साथ आइए जान लेते हैं क‍ि अबकी सावन की श‍िवरात्रि कब पड़ रही है और इसी के साथ कुछ अन्‍य जरूरी बातें भी जानते हैं सावन सोमवार की…

अबकी 6 अगस्‍त को है सावन श‍िवरात्रि
इस बार सावन की शिवरात्रि 6 अगस्‍त को पड़ रही है। इसका पारण 7 अगस्‍त को क‍िया जाएगा। धर्म शास्‍त्रों के अनुसार इस दिन भगवान शंकर को जल चढ़ाने से वह काफी प्रसन्‍न होते हैं। साथ ही भक्‍तों की सभी इच्‍छाओं की पूर्ति करते हैं।
सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
सावन शिवरात्रि व्रत तिथि : शुक्रवार 6 अगस्त 2021
निशीथ काल पूजा मुहूर्त : 6 अगस्त 2021 मध्य रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
पूजा अवधि : केवल 43 मिनट तक
शिवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त : शनिवार 7 अगस्त की सुबह 5 बजकर 46 मिनट से दोपहर 3 बजकर 45 मिनट तक
इस पूजन विधि से भोले को करें प्रसन्‍न
सावन शिवरात्रि के मौके पर भोले की सच्‍चे मन से आराधना करने पर मनवांछित मुराद पूरी होती है। शिवरात्रि के दिन सुबह जल्‍दी उठकर सबसे पहले स्‍नान करना चाहिए। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर मंदिर जाकर शिव की पूजा-अर्चना करें। पूजा के लिए दूध, दही, शहद, घी, चीनी, इत्र, चंदन, केसर और भांग का प्रयोग करें। इन सभी वस्‍तुओं से भोले का अभिषेक करें।
भोलेनाथ को लगाएं इनका भोग
मान्‍यता है कि सावन शिवरात्रि पर भोलेनाथ को तिल चढ़ाने से संपूर्ण पापों का नाश होता है। इसके अलावा शिव को गेहूं से बनीं वस्‍तुओं का भोग अर्पित करना भी शुभ माना जाता है। इसके अलावा ऐश्‍वर्य पाने की आकांक्षा से मूंग का भोग लगाएं। वहीं मनचाहा वर पाने के चने की दाल का भोग भी लगाया जाता है।


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