धर्म-अध्यात्म

Sawan 2022 Puja Rules: सावन में शिवलिंग पर भूलकर भी न चढ़ाएं ये 5 चीजें, क्रोधित हो जाएगें शिव जी

Tulsi Rao
14 July 2022 5:03 AM GMT
Sawan 2022 Puja Rules: सावन में शिवलिंग पर भूलकर भी न चढ़ाएं ये 5 चीजें, क्रोधित हो जाएगें शिव जी
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Sawan 2022 Puja Rules: आज से सावन माह (Sawan 2022) शुरू हो रहा है. इस महीने में भोले शंकर की उपासना का विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि यह महीना देवों के देव महादेव को बहुत प्रिय है और जो श्रद्धालु सच्चे मन से इस महीने में उनकी आराधना करते हैं, उन्हें वह भरपूर वरदान प्रदान करते हैं. शिवपुराण की बात करें तो उसमें कई चीजें बताई गई हैं, जो भोलेनाथ की पूजा में कभी शामिल नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से भगवान शंकर रुष्ट हो जाते हैं, जिसका गंभीर नुकसान जातक को उठाना पड़ता है. आइए जानते हैं कि वे कौन से कार्य हैं, जो जातक को कभी नहीं करने चाहिए.

थाली में भूलकर न रखें सिंदूर
पुराणों में भगवान भोलेनाथ (Lord Shiva) को विनाशक कहा गया है. यानी कि जब दुनिया पर अत्याचार बढ़ जाता है तो वे अपनी तीसरी आंख खोलकर इसे नष्ट कर देते हैं. उन्होंने माता पार्वती से विवाह तो रचाया था लेकिन वे मूलत बैरागी हैं. इसलिए उनकी पूजा की थाली में कभी भी साज-सज्जा की चीजें जैसे सिंदूर और कुमकुम रखने की मनाही की जाती है. इसलिए इन चीजों को भूलकर भी पूजा थाल में शामिल न करें.
शंख रखना या बजाना है वर्जित
धर्म शास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव (Lord Shiva) ने अपने त्रिशूल से शंखचूड़ नाम के राक्षस का वध किया था. माना जाता है कि उसकी राख से शंख की उत्पत्ति हुई. इसलिए महादेव की पूजा के दौरान शंख बजाना वर्जित होता है और न ही शंख के जरिए उनका जलाभिषेक किया जाता है. इसकी दूसरी वजह ये भी है कि महादेव महान तपस्वी हैं, जो हमेशा तपस्या में लीन रहते हैं. ऐसे में शोर-शराबा करने से उनकी तपस्या भंग होने का डर रहता है.
पूजा थाल में हल्दी रखने से करें परहेज
हल्दी को यूं तो सौभाग्य और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है. अधिकतर देवी-देवताओं की पूजा के दौरान थाली में हल्दी जरूर रखी जाती है. लेकिन भोलेनाथ की पूजा थाली में आप भूल से भी हल्दी मत रखिएगा. इसकी वजह ये है कि भोलेनाथ (Lord Shiva) वैरागी हैं और उन्हें हल्दी समेत सजावट की कोई भी चीज पसंद नहीं है.
तुलसी के पत्ते भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं
भगवान शंकर (Lord Shiva) से जुड़ी एक कथा के मुताबिक उन्होंने तुलसी के पति जालंधर का वध किया था. जिसके बाद तुलसी भगवान शिव से बहुत नाराज हो गई थी और उन्होंने श्राप दिया था कि अगर कोई भक्त शिव की पूजा थाली में तुलसी को शामिल करेगा तो उसे अनिष्ट भुगतना पड़ेगा. उस दिन के बाद से भोलेनाथ की पूजा थाली में तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाया जाता.
केतकी के फूल को नापसंद करते हैं भोलेनाथ
धर्म ग्रंथों के मुताबिक एक बार ब्रह्मा जी ने भगवान शिव (Lord Shiva) से किसी बात पर झूठ बोला था. उनके इस कार्य में देवी केतकी ने भी उनका साथ दिया था. इस बात से भोलेनाथ बेहद अप्रसन्न हो गए थे और उन्होंने केतकी को श्राप दिया था कि उनकी पूजा थाली में कभी भी केतकी का फूल न चढ़ाया जाए. इसके बाद से शिवलिंग पर आज तक केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाता है.


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