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धर्म-अध्यात्म
Sawan 2022: श्रावण मास में भूलकर भी न करें ये गलतियां
Rani Sahu
16 July 2022 9:20 AM GMT

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हिंदू कैलेंडर के हिसाब से सावन पांचवा महीना है. इसे सावन और श्रावण माह (Shravan Month) के नाम से जाना जाता है
हिंदू कैलेंडर के हिसाब से सावन पांचवा महीना है. इसे सावन और श्रावण माह (Shravan Month) के नाम से जाना जाता है. सावन के महीने में शास्त्रों में बेहद पवित्र माना गया है. इस माह में भगवान शिव और माता पार्वती (Lord Shiva and Mata Parvati) की पूजा होती है. कहा जाता है इस माह में भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है. मान्यता है कि अगर महादेव की किसी पर कृपा हो जाए, तो उसके जीवन में किसी चीज की कोई कमी नहीं रहती. अगर आप भी भगवान शिव को मनाना चाहते हैं और उनकी कृपा के पात्र बनना चाहते हैं तो सावन के महीने में कुछ गलतियां भूलकर भी न करें.
सावन के महीने में न करें ये गलतियां
– सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा के दौरान उन्हें कभी भी सिंदूर अर्पित नहीं करनी चाहिए. शिव जी को संसार का संहारक माना जाता है, इसलिए उन्हें चंदन अर्पित किया जाता है, सिंदूर नहीं क्योंकि सिंदूर का रंग लाल होता है, जो उग्र माना जाता है.
– भगवान शिव को कभी तुलसी भी अर्पित नहीं करनी चाहिए. अगर आप उन्हें भोग में पंचामृत चढ़ा रहे हैं, तो भी तुलसी का प्रयोग पंचामृत में न चढ़ाएं. शिव जी ने तुलसी को शापित किया था कि जो व्यक्ति महादेव को तुलसी अर्पित करेगा, उसे पूजा का फल कभी प्राप्त नहीं होगा. पूजा के दौरान शिव जी को नारियल, तिल, हल्दी और केतकी का फूल भी अर्पित नहीं किया जाता.
– सावन के महीने में शरीर पर तेल लगाने की भी मनाही होती है. इसे अशुभ माना जाता है. वहीं इस माह में भूलकर भी पेड़ पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. अगर शिव जी की कृपा चाहिए तो सावन में अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और उनकी सेवा करें.
– सावन मास को शास्त्रों में बेहद पवित्र माना गया है, इसलिए इस महीने में शराब, मांस मीट नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा तामसिक भोजन से भी बचना चाहिए.
– श्रावण मास में दही, छाछ, हरा साग, बैंगन, मूली, प्याज और लहसुन आदि को खाने से परहेज करना चाहिए. ऐसा करने से मन विचलित होता है और पूजा पाठ में ठीक से मन नहीं लग पाता.

Rani Sahu
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