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Sawan 2021: सावन माह प्रारंभ होने से पहले, जानें अपनी राशिनुसार कैसे करें शिव की पूजा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन का पावन माह आज से प्रारंभ हो चुका है। यह महीना 22 अगस्त को समाप्त होगा। हिन्दू पंचांग का यह पांचवां महीना है, जिसका धार्मिक दृष्टि से बड़ा महत्व है। शिव भक्तों के लिए सावन माह सभी महीनों में सबसे पवित्र माह होता है। इसलिए इस माह को भगवान शिव की उपासना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस माह से ही सोलह सोमवार के व्रत प्रारंभ होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में भी शिव की आराधना से कुंडली के बहुत सारे दोषों की शांति व जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिये भी इस माह में राशि के अनुसार शिव की आराधना करने का विधान बताया जाता है। ज्योतिषाचार्य पं. मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि भगवान शिव देवों के देव महादेव कहे जाते हैं। राशि के अनुसार उनकी आराधना कर आप अपनी कुंडली में मौजूद ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं। आइए जानते राशिनुसार कैसे करें शिव आराधना-
मेष – मेष राशि के स्वामी मंगल हैं। इनके लिये लाल रंग शुभ माना जाता है। मान्यता है कि लाल चंदन व लाल रंग के पुष्प यदि सावन में मेष राशि के जातक भगवान भोलेनाथ को अर्पित करें तो यह बहुत ही पुण्य फलदायी रहता है। यदि पूजा के समय नागेश्वराय नम: मंत्र का जाप भी किया जाये तो भगवान शिवशंकर आपके मन की मुराद जल्द पूरी करते हैं।
वृषभ – वृषभ तो भगवान शिव के वाहन भी हैं। आपके राशि स्वामी शुक्र माने जाते हैं। सफेद रंग आपके लिये शुभ माना जाता है। वृषभ जातकों को भगवान शिव की पूजा चमेली के फूलों से करनी चाहिये। साथ ही अपने कष्टों के निवारण व अपेक्षित लाभ प्राप्ति के लिये शिव रुद्राष्टक का पाठ भी करना चाहिये।
मिथुन – मिथुन राशि के स्वामी बुध माने जाते हैं। मिथुन जातक भगवान शिव को धतूरा, भांग अर्पित कर सकते हैं। साथ ही पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय का जाप करना भी आपके लिये लाभकारी रहेगा।
कर्क – कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं जिन्हें भगवान शिव ने अपनी जटाओं में धारण कर रखा है। कर्क जातकों को शिवलिंग का अभिषेक भांग मिश्रित दूध से करना चाहिये। रूद्रष्टाध्यायी का पाठ आपके कष्टों का हरण करने वाला रह सकता है।
सिंह – सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं। भगवान शिव की आराधना में सिंह जातकों को कनेर के लाल रंग के पुष्प चढ़ाने चाहिये। इसके साथ ही शिवालय में भगवान श्री शिव चालीसा का पाठ भी करना चाहिये। यह आपके लिये अति लाभकारी सिद्ध हो सकती है।
कन्या – कन्या के स्वामी बुध माने जाते हैं। कन्या जातकों को भगवान शिवजी की पूजा में बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि सामग्री शिवलिंग पर अर्पित करनी चाहिये। इसके साथ ही पंचाक्षरी मंत्र का जाप आपकी मनोकामनाओं को पूरी कर सकता है।
तुला – तुला राशि के स्वामी शुक्र माने जाते हैं। आपको मिश्री युक्त दूध से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिये। साथ ही शिव के सहस्रनामों का जाप करना भी आपकी राशि के अनुसार शुभ फलदायी माना जाता है।
वृश्चिक – वृश्चिक राशि के स्वामी भौमेय मंगल माने जाते हैं। भोले भंडारी की पूजा आपको गुलाब के फूलों व बिल्वपत्र की जड़ से करनी चाहिये। प्रतिदिन रूद्राष्टक का पाठ करने से आपकी राशि के अनुसार सौभाग्यशाली परिणाम मिलने लगते हैं।
धनु – बृहस्पति को धनु राशि का स्वामी माना जाता है। इन्हें पीला रंग प्रिय होता है। यदि धनु राशि वाले जातकों को सावन माह में प्रात:काल उठकर भगवान शिव की पूजा पीले रंग के फूलों से करनी चाहिये। प्रसाद के रूप में खीर का भोग लगाना चाहिये। आपके लिये शिवाष्टक का पाठ कष्टों का नाश करने वाला माना जाता है।
मकर – मकर शनि की राशि मानी जाती है। धतूरा, भांग, अष्टगंध आदि से भगवान शिव की पूजा आपके लिये जीवन में शांति और समृद्धि लाने वाली रहती है। इसके साथ ही आपको पार्वतीनाथाय नम: का जाप भी करना चाहिये।
कुंभ – कुंभ राशि के स्वामी भी शनि ही माने जाते हैं। कुंभ जातकों को गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिये। साथ ही धन लाभ पाने के लिये शिवाष्टक का पाठ आपको करना चाहिये। जल्द ही अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
मीन – मीन राशि के स्वामी बृहस्पति माने जाते हैं। मीन जातकों को पंचामृत, दही, दूध एवं पीले रंग के फूल शिवलिंग पर अर्पित करने चाहिये। घर में सुख समृद्धि व धनधान्य में वृद्धि के लिये पंचाक्षरी मंत्र नम: शिवाय का चंदन की माला से 108 बार जाप करना चाहिये।