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धर्म-अध्यात्म
दो बड़े ग्रहों की युति से शनि का अशुभ प्रभाव खत्म, जानिए
Bhumika Sahu
17 Nov 2021 7:24 AM GMT
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ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 16 नवंबर को सूर्य ने अपनी नीच राशि वृश्चिक में प्रवेश कर लिया है। अब 20 नवंबर को गुरु कुंभ राशि में गोचर करेंगे। जानिए ग्रहों की स्थिति में किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी-
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देवउठनी एकादशी से शुभ व मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो चुकी है। इस बीच सूर्य के बाद देवगुरु बृहस्पति भी अपनी स्थिति में बदलाव करने वाले हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 16 नवंबर को सूर्य ने अपनी नीच राशि वृश्चिक में प्रवेश कर लिया है। अब 20 नवंबर को गुरु कुंभ राशि में गोचर करेंगे। जानिए ग्रहों की स्थिति में किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी-
सूर्य गोचर का प्रभाव-
सूर्य का राशि च्रक पूरा होने में एक साल का वक्त लगता है। सूर्य गोचर से कुछ राशि वालों को अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं और कुछ राशि वालों को बुरे परिणाम मिलते हैं। सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर शुभ माना जाता है।
बड़े ग्रहों की युति से शनि का अशुभ प्रभाव खत्म-
सूर्य का राशि परिवर्तन कई मायनों में खास रहा है। इस गोचर से शनि की दृष्टि से बन रहा अशुभ योग खत्म हो गया है। सूर्य गोचर के दिन सर्वार्थसिद्धि योग का शुभ संयोग बना था। सूर्य बृहस्पति नक्षत्र में विराजमान था। सूर्य और गुरु की युति को बेहद शुभ माना जाता है।
सूर्य की युति विवाह आदि कार्यों के लिए शुभ मानी जा रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, नवंबर-दिसंबर के बीच बन रहे शुभ संयोग से वैवाहिक जीवन सुखद रहेगा। इसके अलावा अगहन का महीना शादियों के लिए शुभ रहेगा।
देवगुरु बृहस्पति का गोचर-
20 नवंबर से अगहन का महीना शुरू होने जा रहा है। इस महीने में सुख-सुविधाओं के कारक गुरु ग्रह का राशि परिवर्तन भी होगा। गुरु ग्रह को शुभ फलकारी माना जाता है। अगहन में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से धन लाभ के योग बनते हैं। अविवाहितों के रिश्ते भी तय हो सकते हैं।
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