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इन राशि वालों पर शुरू हो चुकी है शनि की साढ़े साती व ढैय्या
शुक्रवार को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर कर चुके हैं। शनि का राशि परिवर्तन करीब ढाई साल बाद हुआ है और शनि 30 साल बाद कुंभ राशि में प्रवेश किया है। शनि 12 जुलाई तक कुंभ राशि में रहेंगे और जुलाई में वक्री चाल चलेंगे। शनि राशि परिवर्तन से कुछ राशि वालों को शनि की साढ़े साती व शनि ढैय्या से राहत मिलेगी, जबकि कुछ राशि वाले साढ़े साती व ढैय्या से पीड़ित हो जाएंगे।
मीन राशि वालों पर शुरू होगी साढ़े साती-
शनि गोचर के साथ ही मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती शुरू हो चुकी है। शनि की साढ़े साती के तीन चरण होते हैं। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी। इस दौरान जातकों को विशेष सावधान रहने की जरूरत है। इस दौरान शनि आर्थिक, शारीरिक व मानसिक नुकसान पहुंचा सकते हैं।
शनि के प्रभाव से ये राशियां होंगी मुक्त-
शनि अभी मकर राशि में चल रहे थे, जिसके कारण धनु, मकर व कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का असर था। लेकिन 29 अप्रैल को शनि राशि परिवर्तन से धनु राशि वालों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल गई है। मकर राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का आखिरी चरण और कुंभ राशि वालों पर दूसरा चरण 29 अप्रैल से शुरू हो चुका है। इसके अलावा मिथुन व तुला राशि से शनि ढैय्या खत्म हो चुकी है।
शनि कर्म के अनुसार देते हैं फल-
शनि को न्यायदेवता कहा गया है। कहते हैं कि शनिदेव जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। अगर जातक के कर्म अच्छे हों और कुंडली में शनि कुंभ स्थिति में हों तो शनि साढ़े साती के दौरान जातक को खूभ मान-सम्मान हासिल होता है। इसके अलावा तुला, मकर, कुंभ और धनु राशि वालों के लिए शनि की साढ़े साती दशा ज्यादा कष्टकारी नहीं होती है, जितनी बाकी राशियों के लिए। शनि तुला राशि में उच्च के माने गए हैं और मकर व कुंभ राशि के स्वामी ग्रह हैं। धनु व मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। गुरु व शनि के बीच मित्रता का भाव है।