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धर्म-अध्यात्म
ये 5 राशियों पर शनि की रहती है कृपा, साढ़े साती और ढैय्या का नहीं पड़ता अशुभ प्रभाव
Shiddhant Shriwas
8 Sep 2021 3:47 AM GMT
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ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्म फलदाता माना जाता है। शनिदेव की हर राशि पर हमेशा टेढ़ी नजर रहती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्म फलदाता माना जाता है। शनिदेव की हर राशि पर हमेशा टेढ़ी नजर रहती है, यह धारणा गलत है। शनिदेव सभी को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। अच्छे कर्म करने वालों को शुभ और गलत कार्यों को करने वालों को दंडित करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसी राशियों का वर्णन किया गया है जिन पर शनि की साढ़े साती और ढैय्या का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। जानिए ये राशियां-
तुला- शनिदेव तुला राशि वालों पर मेहरबा रहते हैं। इस राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं। शुक्र और शनि के मैत्री संबंध हैं। शनि तुला राशि में उच्च के होते हैं। वर्तमान समय में तुला राशि वालों पर शनि ढैय्या चल रही है। शनि की दशा का तुला राशि वालों पर अन्य राशियों की तुलना से कम प्रभाव पड़ता है।
धनु- धनु राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण चल रहा है। इस राशि के स्वामी ग्रह गुरु हैं। शनि के इनके साथ सामान्य संबंध माने जाते हैं। ये ग्रह एक-दूसरे के न तो दुश्मन हैं और न ही अच्छे मित्र। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की दशा साढ़ेसाती और ढैय्या का धनु राशि वालों पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है।
मकर- मकर राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं। मकर राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। शनि की मकर राशि वालों पर विशेष कृपा रहती है। इन राशि वालों के लिए शनि की दशा ज्यादा कष्टकारी साबित नहीं होती है।
कुंभ - कुंभ राशि के भी स्वामी ग्रह शनि हैं। शनि की कुंभ राशि वालों पर भी विशेष कृपा रहती है। वर्तमान समय में शनि की साढ़े साती का पहला चरण कुंभ राशि वालों पर चल रहा है।
मीन- मीन राशि के स्वामी गुरु ग्रह हैं। शनि के इनके साथ सामान्य संबंध हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि और गुरु एक-दूसरे के न अच्छे मित्र और न अच्छे दुश्मन हैं। मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है।
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