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धर्म-अध्यात्म
कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे शनि, 3 राशि वालों के लिए शुरू होगा मुश्किल वक्त
Tulsi Rao
25 Jan 2022 4:55 AM GMT
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वहीं अच्छे कर्म वालों के लिए यह समय काटने में थोड़ी आसानी होती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रहों और 27 नक्षत्रों की स्थितियों के आधार पर सभी 12 राशियों के जातकों के भविष्य की गणना की जाती है. इन ग्रहों में कुछ ग्रह बेहद खास हैं, क्योंकि इनकी स्थिति में छोटे से बदलाव का भी बड़ा असर होता है. शनि इन ग्रहों में प्रमुख है क्योंकि यह कर्मों के मुताबिक फल देता है. यानी कि यदि व्यक्ति के कर्म ठीक न हों तो उसे शनि की महादशा में ज्यादा मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं, वहीं अच्छे कर्म वालों के लिए यह समय काटने में थोड़ी आसानी होती है.
कुंभ में हो रहा है शनि गोचर
शनि ग्रह 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि से निकलकर अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश करने जा रहे हैं. ऐसा करते ही 3 राशि वाले लोगों के लिए बुरा वक्त शुरू हो जाएगा. ये राशियां कुंभ, कर्क और वृश्चिक हैं. इसमें कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती और कर्क-वृश्चिक पर शनि ढैय्या शुरू हो जाएगी.
झेलने पड़ेंगे ये कष्ट
शनि के कुंभ में गोचर करते ही कुंभ, कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों को अगले ढाई साल तक शारीरिक, मानसिक, आर्थिक कष्ट झेलने पड़ेंगे. यह समय उनकी तरक्की में बाधा डालेगा और हर काम बड़ी मुश्किल से संपन्न होंगे. धन हानि हो सकती है. क्योंकि शनि आयु, रोग, पीड़ा, लोहा, खनिज, सेवक और जल के कारक हैं. लिहाजा वे इन सब पहलुओं को प्रभावित करेंगे.
सबसे ज्यादा मुश्किल कुंभ राशि पर
यह समय कुंभ राशि वालों के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल रहेगा क्योंकि उन पर साढ़े साती का दूसरा चरण रहेगा. साढ़े साती का दूसरा चरण सबसे ज्यादा मुश्किल रहता है. हालांकि जिन लोगों की कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी रहती है, उनको शनि लाभ भी दे सकते हैं. बाकी जातकों के लिए बेहतर है कि धैर्य से इस समय को निकालें और शनि के प्रकोप से बचने के उपाय करें.
शनि के प्रकोप से बचने के उपाय
- शनि की कृपा पाने का अच्छा तरीका ये है कि घर में शमी का पौधा लगाकर उसकी रोज पूजा करें.
- शनि की सच्चे मन से अराधना करें. हो सके तो रोजाना या कम से कम शनिवार को शनि चालीसा पढ़ें.
- सामर्थ्य अनुसार गरीबों, असहायों को दान करें. दिव्यांगजनों की मदद करें, इससे शनि प्रसन्न होते हैं.
- हनुमान जी की आराधना भी लाभ देगी. शनिवार को हनुमान चालीसा पढ़ें.
- शनि मंदिर में और पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
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