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मकर राशि में 11 अक्टूबर तक वक्री रहेंगे शनि, इन 5 राशि वालों की बढ़ेंगी परेशानियां
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| शनि का इस साल कोई राशि परिवर्तन नहीं है। शनि मकर राशि में हैं और इसी राशि में वक्री अवस्था में चल रहे हैं। वक्री अवस्था का अर्थ उल्टी चाल से है। शनि 11 अक्टूबर तक मकर राशि में वक्री चाल चलेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की वक्री अवस्था का सबसे अशुभ प्रभाव शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से पीड़ित राशियों पर पड़ता है। इस दौरान इन राशि वालों को कष्टों का सामना करना पड़ता है। मकर, कुंभ, धनु, मिथुन और तुला राशि वालों को 11 अक्टूबर तक सतर्क रहने की जरूरत है।
इन राशि वालों पर चल रही शनि का साढ़े साती-
1. वर्तमान में कुंभ, मकर और धनु राशि वालों पर शनि की साढ़े साती चल रही है। शनि की साढ़े साती के तीन तरण होते हैं। धनु राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का अंतिम यानी तीसरा चरण चल रहा है। शनि के राशि परिवर्तन करते ही धनु राशि वालों को शनि की साढ़े साती से छुटकारा मिल जाएगा। शनि की वक्री अवस्था के दौरान आपको मानसिक तनाव होने के साथ वैवाहिक जीवन में भी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।
2. मकर राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। शनि इसी राशि में वक्री रहेंगे, ऐसे में आपको ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। धैर्य से काम लेने पर बात बनेगी।
3. कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का पहला चरण चल रहा है। अक्टूबर तक आपको आपकी मेहनत से कम परिणाम मिल सकता है। इस दौरान आप परिश्रम करते रहें और धैर्य से काम लें।
इन राशियों पर शनि ढैय्या-
मिथुन राशि वालों को अक्टूबर तक गुस्से पर काबू रखना होगा, वरना आपके बनते काम बिगड़ सकते हैं। परिवार के किसी सदस्य के साथ मतभेद हो सकते हैं। वाणी पर संयम बनाकर रखें।
तुला राशि वालों को आर्थिक मोर्चे पर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। फिजूल खर्चों से बचें। मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय-
-शनिदेव की प्रतिदिन पूजा करें।
-शनि मंदिर में शाम के वक्त सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
-शनि के मंत्रों का जाप करें।
-गरीबों को दान दें।
-बड़े-बुजर्गों का सम्मान करें।