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- शनिवार का व्रत, जानें...

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हिंदू धर्म में शनिवार का व्रत काफी फलदायी माना गया है. शनिवार न्याय के देवता कहे जाने वाले शनिदेव को समर्पित है. ऐसे में शनिवार का व्रत शनिदेव के लिए रखा जाता है. मान्यता है कि जो भी इस दिन सच्चे दिल से शनिदेव का ध्यान करते हुए व्रत रखता है उसे शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है और शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
दरअसल शनिदेव को लेकर मान्यता है कि उनकी कोप दृष्टि किसी पर पड़ जाए तो उसे राजा से रंक बना देती है. वहीं शनिदेव अगर किसी पर प्रसन्न हो जाएं तो उसे सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और कभी कोई भय नहीं सताता.
कब शुरू करें व्रत?
वैसे तो शनिवार का व्रत कभ भी शुरू किया जा सकता है लेकिन श्रावण मास में पड़ने वाले शनिवार को शुरू करने का खास महत्व है. इसके अलावा ये व्रत किसी भी शुक्ल पक्ष के शनिवार से शुरू किया जा सकता है. कहा जाता है कि शनिवार का व्रत रखने से सेहत से लेकर नौकरी तक हर चीज में लाभ मिलता है. ये व्रत अनुशासन सिखाता है और परिश्रम करने की शक्ति बढ़ाता है.
कितने शनिवार रखें व्रत?
मान्यताओं के मुताबिक 7 शनिवार व्रत रखने से शनि के प्रकोप से सुरक्षा मिलती है और हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है. आइए जानते क्या है शनिवार का व्रत रखने की सही पूजा विधि
शनिवार का व्रत रखने की पूजाविधि
शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शनि की प्रतिमा या शनि यंत्र रखें और शनि मंत्रों का जाप करें.
इस दौरान शनिदेव को पंचामृत से स्नान करवाना काफी शुभ माना जाता है. इसके बाद उन्हें काले वस्त्र, काले तिल, सरसों का तेल अर्पित करें और सरसों के तेल का दिया जलाएं. इसके बाद शनिदेव चालीसा और कथा का पाठ भी करें.
पूजा के दौरान शनिदेव को पूड़ी औऱ काले उड़द दाल की खिचड़ी का भोग लगाएं. आखिर में अनजाने में हुई गलती की माफी मांगे और औरती करें.

Tara Tandi
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