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धर्म-अध्यात्म
Saraswati Puja : सरस्वती पूजा, जानें शुभ समय और महत्व
Tara Tandi
26 Jan 2025 10:01 AM GMT
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Saraswati Puja ज्योतिष न्यूज़: हर वर्ष सरस्वती पूजा का आयोजन माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को किया जाता है, जिसे वसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पूरे समय अबूझ मुहूर्त होता है, इसलिए किसी भी शुभ कार्य के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती। इस वर्ष सरस्वती पूजा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जिसमें पूजा का आयोजन किया जाएगा। सरस्वती पूजा के लिए लगभग साढ़े 5 घंटे का शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहा है। आइए जानते हैं कि सरस्वती पूजा कब है और इसका मुहूर्त तथा शुभ योग कौन से हैं?
सरस्वती पूजा तिथि 2025
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सरस्वती पूजा के लिए माघ शुक्ल पंचमी तिथि 2 फरवरी, रविवार को सुबह 09:14 बजे से शुरू होकर 3 फरवरी, सोमवार को सुबह 06:52 बजे तक मान्य है। इस प्रकार, इस वर्ष सरस्वती पूजा 2 फरवरी, रविवार को आयोजित की जाएगी।
सरस्वती पूजा का मुहूर्त
2 फरवरी को सरस्वती पूजा के लिए 5 घंटे 26 मिनट का शुभ मुहूर्त निर्धारित किया गया है। इस दिन पूजा का शुभ समय प्रातः 07:09 बजे से लेकर दोपहर 12:35 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, सरस्वती पूजा के लिए पूरे दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा, इसलिए आप दिन के किसी भी समय पूजा कर सकते हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग में सरस्वती पूजा 2025
इस वर्ष सरस्वती पूजा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। यह योग प्रातः 07:09 बजे से शुरू होकर देर रात 12:52 बजे तक रहेगा। इस विशेष योग में किए गए शुभ कार्यों के सफल होने की संभावना अधिक होती है।
रवि योग
सरस्वती पूजा के दिन रवि योग देर रात 12:52 बजे से प्रारंभ होगा और 3 फरवरी को प्रातः 07:08 बजे तक रहेगा।
शिव योग
पूजा के दिन यानी 2 फरवरी को प्रात:काल शिव योग का निर्माण होगा, जो सुबह 09:14 बजे तक रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग का समय होगा, जो 3 फरवरी को सुबह 06:06 बजे तक चलेगा।
सरस्वती पूजा का शुभ समय
सरस्वती पूजा का शुभ समय प्रातः 05:24 से प्रातः 06:16 तक रहेगा। उस दिन का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:13 बजे से 12:57 बजे तक होगा। विजय मुहूर्त दोपहर 02:24 बजे से 03:07 बजे तक रहेगा।
सरस्वती पूजा का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सरस्वती पूजा के दिन ज्ञान की देवी मां शारदा का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को सरस्वती जयंती भी कहा जाता है। इस दिन मां सरस्वती ने अपनी वीणा की मधुर धुन से जीवों को स्वर प्रदान किया, जिससे वे बोलने में सक्षम हुए। सरस्वती पूजा का दिन बच्चों के शिक्षा की शुरुआत या अक्षर ज्ञान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मां सरस्वती की कृपा से ज्ञान की प्राप्ति होती है।
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