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धर्म-अध्यात्म
शनिदेव का मुख्य चमत्कारी रत्न नीलम, इस तरह असली रत्न की पहचान करने से मिलेगा लाभ
Deepa Sahu
8 Aug 2021 4:41 PM GMT
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शनिदेव का मुख्य चमत्कारी रत्न नीलम
शनि महाराज इन दिनों अपनी मूल राशि मकर में चल रहे हैं। शनि अपने घर में होते हुए उनके शुभ फल देते रहे हैं इसके लिए उनके रत्न नीलम पहनना शुभ माना जाता है। शनि का चमत्कारी रत्न नीलम के बारे में कहा जाता है कि यह राजा को रंक और रंक को राजा बनाने की ताकत रखता है। यही वजह है कि नीलम को बेचने वाले ठगा करते हैं। इसलिए इससे धारण करते समय विशेष सावधानी बरते। जब आप इसे खरीदने जाएं तो कुछ बातों का ध्यान रखकर सही और असली नीलम खरीदकर अपनी किस्मत चमका सकते हैं। लेकिन नीलम किस तरीके से खरीदें और किस तरीके से धारण करें ये बातें आपको जानना चाहिए। आइए जानते हैं नीलम की असली पहचान क्या है…..
दूध का रंग हो जाता है नीला
शनिदेव का मुख्य रत्न नीलम की असली पहचान के लिए आप रत्न को गाय के दूध में डालकर देखे। दूध में डालने के थोड़ी देर बाद दूध का रंग नीला लगता है। इस तरीके से आप नीलम की पहचान कर सकते हैं।
इस तरह पहचानें असली नीलम
असली नीलम चिकना, चमकदार, साफ और मोर के पंख के समान आभा वाला होता है। नीलम को आप कांच के गिलास में डाल देंगे तो आपको नीली किरणें दिखाई देने लगती हैं। इससे आप पहचान सकते हैं नीलम असली है।
बढ़ जाता है रक्त का दवाब
असली नीलम को अगर मुट्ठी में पकड़ा जाए तो गर्मी का अनुभव होता है और कई बार रक्त का दबाव बढ़ जाता है। वहीं आप श्रेष्ठ नीलम के पास अगर कोई तिनका लाया जाए तो वह इससे चिपक जाता है। इससे आप पहचान सकते हैं नीलम असली है।
नीलम में दिखेंगे दो लेयर
असली नीलम के अंदर ध्यान से देखने पर आपको दो परत दिखाई देती हैं। ये दोनों लेयर एक दूसरे के समांतर होती हैं। नीलम की अल-अलग परत देखने के लिए आप सूर्य की रोशनी की तरफ देख सकते हैं। यदि इसमें आपको पीला प्रकाश दिखाई दे तो यह असली नीलम नहीं है।
नीलम का वजन जांच लें
असली नीलम को आप घनत्व के जरिए से भी पहचान सकते हैं। नीलम भारी रत्न होता है। इसके एक सेमी पीस में 3.98 ग्राम वजन होता है। इसलिए नीलम को लेने से पहले इसके वजन की जांच कर लें।
बिना ज्योतिष सलाह के न पहनें
नीलम को दाहिने हाथ की बीच वाली ऊंगली में 4 से 6 कैरेट का सोने या पंच धातु से बनी अंगूठी में पहनना चाहिए। इससे भाग्य में वृद्धि होती है और शनि के दुष्प्रभावों से भी मुक्ति मिलती है। नीलम को शनि की दशा में पहनना शुभ माना जाता है। हालांकि बिना किसी ज्योतिषी से सलाह के इसे नहीं पहनना चाहिए।
धन-धान्य में होती है वृद्धि
नीलम एक ऐसा रत्न होता है जो अपना प्रभाव अतिशीघ्र ही दिखा देता है। इसे पहनने के सकारात्मक परिणाम की ही तरह ही नकारात्मक परिणाम भी होते हैं। ग्रह-नक्षत्रों और समय की गणना के आधार पर ही इसे धारण करना चाहिए। नीलम धारण करने से धन-धान्य और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। आपको करियर में सफलता मिलती है। स्वास्थ्य हमेशा सही रहता है और आपके वंश में भी वृद्धि होती है।
इस तरह नीलम को पहचानें
नीलम सकारात्मक परिणाम दे रहा है या नहीं इसके लिए सबसे पहले कुछ दिन इसे अपने सिरहाने रखकर सोएं या कपड़े में लपेटकर हर समय अपने पास रखें। सब सामान्य रहे तो इसकी अंगूठी बनवाएं। यदि कुछ नकारात्मक घटे तो इसकी अंगूठी न पहनें।
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