धर्म-अध्यात्म

Santoshi Mata Aarti : मां संतोषी को ऐसे करें प्रसन्न, सुख समृद्धि की होगी प्राप्ति

Tara Tandi
5 July 2024 11:46 AM GMT
Santoshi Mata Aarti :  मां संतोषी को ऐसे करें प्रसन्न, सुख समृद्धि की होगी प्राप्ति
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Santoshi Mata Aartiज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में माता संतोषी को भगवान गणेश की पुत्री माना गया है इनकी पूजा आराधना करने से जीवन की तमाम समस्याओं का समाधान हो जाता है देवी की पूजा वैसे तो हर दिन की जा सकती है लेकिन शुक्रवार का दिन मां संतोषी की साधना के लिए उत्तम माना गया है इस दिन भक्त देवी को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं
मान्यता है कि ऐसा करने से देवी की कृपा बरसती है लेकिन इसी के साथ ही अगर शुक्रवार के दिन संतोषी माता की प्रिय आरती का पाठ पूजा के दौरान किया जाए तो माता जल्दी प्रसन्न हो जाती है और जातक के जीवन से दुख समस्याओं को दूर कर देती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं संतोषी माता की आरती।
संतोषी माता की आरती
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
सुन्दर चीर सुनहरी,
मां धारण कीन्हो ।
हीरा पन्ना दमके,
तन श्रृंगार लीन्हो ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
गेरू लाल छटा छबि,
बदन कमल सोहे ।
मंद हंसत करुणामयी,
त्रिभुवन जन मोहे ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
स्वर्ण सिंहासन बैठी,
चंवर दुरे प्यारे ।
धूप, दीप, मधु, मेवा,
भोज धरे न्यारे ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
गुड़ अरु चना परम प्रिय,
तामें संतोष कियो ।
संतोषी कहलाई,
भक्तन वैभव दियो ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
शुक्रवार प्रिय मानत,
आज दिवस सोही ।
भक्त मंडली छाई,
कथा सुनत मोही ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
मंदिर जग मग ज्योति,
मंगल ध्वनि छाई ।
विनय करें हम सेवक,
चरनन सिर नाई ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
भक्ति भावमय पूजा,
अंगीकृत कीजै ।
जो मन बसे हमारे,
इच्छित फल दीजै ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
दुखी दारिद्री रोगी,
संकट मुक्त किए ।
बहु धन धान्य भरे घर,
सुख सौभाग्य दिए ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
ध्यान धरे जो तेरा,
वांछित फल पायो ।
पूजा कथा श्रवण कर,
घर आनन्द आयो ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
चरण गहे की लज्जा,
रखियो जगदम्बे ।
संकट तू ही निवारे,
दयामयी अम्बे ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
सन्तोषी माता की आरती,
जो कोई जन गावे ।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति,
जी भर के पावे ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता ॥
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