- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- संकष्टी चतुर्थी, कल है...
धर्म-अध्यात्म
संकष्टी चतुर्थी, कल है जानिए भगवान गणेश की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
Teja
18 April 2022 1:11 PM GMT
x
हिंदू कैलेंडर के अनुसार कल यानि 19 अप्रैल को संकष्टी चतुर्थी है. बता दें कि हर महीने कृष्ण पक्ष के चौथे दिन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू कैलेंडर के अनुसार कल यानि 19 अप्रैल को संकष्टी चतुर्थी है. बता दें कि हर महीने कृष्ण पक्ष के चौथे दिन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है और प्रत्येक संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व होता है. (Sankashti Chaturthi 2022 Puja Vidhi) संकष्टी चतुर्थी गणेश जी को समर्पित है और इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश का पूजन किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन पूजन करने से गणेश जी अपने भक्तों को सभी दूख दूर करते हैं. (Sankashti Chaturthi 2022 Kahani) हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी का (Ganesh Ji Puja Vidhi) पूजन महत्वपूर्ण माना गया है. संकष्टी का संस्कृत अर्थ संकटहारा या बाधाओं से मुक्ति है. इसलिए इस दिन को बेहद ही खास माना जाता है.
संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त
इस महीने संकष्टी चतुर्थी कल यानि 19 अप्रैल को पड़ रही है. जो कि 19 अप्रैल, मंगलवार की शाम 04:38 बजे प्रारंभ होगी और 20 अप्रैल, बुधवार के दिन दोपहर 01:52 बजे तक रहेगी. इस व्रत में शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत व पूजा पूर्ण मानी जाती है. चंद्रोदय का समय 19 अप्रैल को रात 09:50 मिनट पर होगा. Also Read - Ganesh Chaturthi 2018: भगवान गणेश को चढ़ाएं भोग, ऐसे बनाएं ये खास मोदक
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी का पूजन किया जाता है और इस दिन व्रत रखने का भी विशेष महत्व होता है. यदि आप भी संकष्टी चतुर्थी की पूजा या व्रत करते हैं तो इसकी पूजन विधि के बारे में जरूर जान लें.
संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र पहनें.
इसके बाद भगवान गणेश की पूजन करें. पूजन में गणेशजी को तिल, गुड़, लड्डू, दूर्वा और चंदन चढ़ाएं.
फिर भगवान गणेश की वंदना करें और मंत्रों का जाप करें.
इस दिन जो लोग व्रत करते हैं, वह दिन भर केवल फलाहार ग्रहण करते हैं.
शाम के समय चंद्रमा निकलने से पहले गणेश जी की पूजा करें, व्रत कथा कहें व सुनें.
इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर गणेश जी का भोग निकालें और व्रत खोलें.
Teja
Next Story