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- आज कर रहे हैं संकष्टी...
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सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं लेकिन संकष्टी चतुर्थी का अपना महत्व होता हैं जो कि श्री गणेश आराधना के लिए श्रेष्ठ दिन माना जाता हैं हर माह में दो चतुर्थी तिथि पड़ती हैं जो कि भगवान गणेश की पूजा को समर्पित होती हैं अभी आषाढ़ का महीना चल रहा हैं और इस माह पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जा रहा हैं जो कि आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी हैं।
इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज यानी 7 जून दिन बुधवार को किया जा रहा हैं मान्यता है कि इस दिन श्री गणेश की आराधना करने से साधक के सभी कष्टों व दुखों का अंत हो जाता हैं ऐसे में अगर आप भी भगवान को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो प्रभु की पूजा में उनकी आरती जरूर पढ़ें ऐसा करने से व्रत पूजन का पूर्ण फल साधक को मिलता हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री गणेश की आरती।
श्री गणेश आरती—
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
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