धर्म-अध्यात्म

Sankashti Chaturthi का व्रत, इस विशेष पूजा विधि से सारे कष्ट दूर

Tara Tandi
18 Nov 2024 9:29 AM GMT
Sankashti Chaturthi का व्रत, इस विशेष पूजा विधि से सारे कष्ट दूर
x
Sankashti Chaturthi ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन विनायक चतुर्थी को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में आता है यह तिथि गणपति की पूजा अर्चना को समर्पित है इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न रखने के लिए पूजा पाठ और व्रत आदि करते हैं।
संकष्टी चतुर्थी को नई शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है इस दिन लोग नए कार्य की शुरुआत करते हैं। मार्गशीर्ष मास की संकष्टी चतुर्थी आज यानी 18 नवंबर दिन सोमवार को मनाई जा रही है इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना और व्रत करना लाभकारी माना जाता है मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी पर पूजा पाठ करने से प्रभु की असीम कृपा बरसती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पूजा की सरल विधि बता रहे हैं तो
आइए जानते हैं।
संकष्टी चतुर्थी पूजा का मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि 18 नवंबर को शाम 6 बजकर 55 मिनट से आरंभ हो चुका है और इस तिथि का समापन 19 नवंबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर हो जाएगा। वही ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजे से 5 बजकर 53 मिनट तक है। इसके अलावा विजय मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 53 मिनट से 2 बजकर 35 मिनट तक है। इसके अलावा गोधूलि मुहूर्त शाम को 5 बजकर 26 मिनट से शाम 5 बजकर 53 मिनट तक है।
पूजा विधि
आज संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। घर की साफ सफाई करके चौकी रखकर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। व्रत का संकल्प करें। भगवान गणेश को रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प, सिंदूर और दूर्वा अर्पित करें पूजा के दौरान गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं। इसके बाद ऊँ गं गणपते नमः मंत्र का जाप 108 बार करें। भगवान गणेश को शमी पत्ता अर्पित करें ऐसा करने से सभी दुख और परेशानियां दूर हो जाती है वही धन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस दिन गणेश जी के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं। ऐसा करने से लाभ मिलता है।
Next Story