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Sankashti Chaturthi 2021 : जानिए संकष्टी चतुर्थी का महत्व..... संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए करें पूजा

Bhumika Sahu
25 Aug 2021 2:19 AM GMT
Sankashti Chaturthi 2021 : जानिए संकष्टी चतुर्थी का महत्व..... संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए करें पूजा
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आज भादों मास की संकष्टी चतुर्थी है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा होती है. मान्यता है कि इस दिन विधि- विधान से भगवान गणेश की पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इसलिए इस दिन को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देव माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. हिंदी कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद मास गणेश जी को समर्पित होता है. इस महीने में गणेशजी की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. आज भादों मास की संकष्टी चतुर्थी है. इस दिन भगवान गणेश पूजा होती है.आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में.

बुधवार दिन होने के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है. संकष्ट चतुर्थी का दिन हर महीने के दोनों पक्षों की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार आज संकष्टी चतुर्थी के दिन बुधवार को ये व्रत रखा जाएगा. हालांकि चतुर्थी तिथि 25 अगस्त 2021 को शाम को 4 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगा. लेकिन भगवान गणेश की पूजा दिन के समय में होती है. इसलिए 25 अगस्त यानी आज संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है. आज के दिन भगवान गणेश की पूजा करके बुध ग्रह को भी मजबूत किया जा सकता है.
संकष्टी चतुर्थी पर करें इन मंत्रों का जाप
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है. इनकी पूजा करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती है. इसलिए भगवान गणेश की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से आपकी सभी परेशनियां दूर हो जाती हैं. इसलिए इसे संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. कई श्रद्धालु भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं. इस दिन कुछ मंत्रों का जाप करने से आपके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है.
1. 'ॐ गं गणपतये नम' – जीवन में खुशहाली का मंत्र
2. 'ॐ वक्रतुंडाय हुं' – संकंट को दूर करने का मंत्र
3. 'ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा' – सौभाग्य प्राप्ति का मंत्र
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह- सुबह उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र पहन कर पूजा स्थल में लाल रंग के आसन पर गणेशजी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करना चाहिए. इसके बाद भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं, धूप, दीप, गंध और फूल और दूर्वा चढ़ाएं. इसके बाद गणेश जी के मंत्रों और स्त्रोतों से गणेश जी की पूजा अर्चना करें. अब गणेशजी को मोदक का भोग लगाएं और आरती उतारें. गणेश जी की पूजा उत्तर दिशा में मुंह रखकर करें.


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