धर्म-अध्यात्म

जल्द ही धरती पर फिर अवतार लेंगे साईं बाबा, देहत्याग से पहले खुद की थी भविष्यवाणी

Shantanu Roy
27 Nov 2021 8:45 AM GMT
जल्द ही धरती पर फिर अवतार लेंगे साईं बाबा, देहत्याग से पहले खुद की थी भविष्यवाणी
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बीते कुछ समय से भारत में बाबाओं पर से लोगों को भरोसा उठता हुआ देखा गया है. बाबाओं साधुओं के साथ विवाद का नाता कोई नई बात नहीं हैं. बाबाओं के कई चमत्कार तो वैज्ञानिक रूप से सिद्ध भी किए जा चुके हैं

जनता से रिश्ता। बीते कुछ समय से भारत में बाबाओं पर से लोगों को भरोसा उठता हुआ देखा गया है. बाबाओं साधुओं के साथ विवाद का नाता कोई नई बात नहीं हैं. बाबाओं के कई चमत्कार तो वैज्ञानिक रूप से सिद्ध भी किए जा चुके हैं कि वे किसी जादुई ट्रिक से कम नहीं हैं. चमत्कार और बाबा का जिक्र होता है, तो सत्य साईं बाबा का नाम स्वतः ही याद आ जाता है, जिन्होंने कई अद्भुत चमत्कार दिखा कर केवल भक्तों को ही हैरान नहीं किया, बल्कि मानव सेवा को धर्म बना कर इतने बड़े बड़े कार्य भी किए हैं, जिसके चलते लाखों लोग उन्हें दिव्य पुरुष की श्रेणी में रखते हैं.

सत्य साईं बाबा की कहानी अपने आप में अनूठी है. वे अपने आप को शिरडी के साईं बाबा के अवतार कहा करते थे और उन्होंने संसार त्यागने से पहले यह तक बता दिया था कि वे अगली बार पृथ्वी पर कब लौटेंगे. उनके प्रभाव में आने वाले लोगों समाज के कद्दावर लोग भी शामिल थे. सियासत से लेकर खेल और फिल्म जगत तक में उन्हें गुरू मानने वाले मिल जाते थे. इनमें पूर्व पीएम नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह से लेकर सचिन तेंडुलकर भी उन्हें गुरुतुल्य मानते थे. उनका जन्म 23 नवंबर 1926 को आंध्रप्रदेश के पुट्टपर्थी गांव में हुआ था. उनका पूरा नाम सत्यनारायण राजू था. बताया जाता है कि वे 13 वर्षों तक वे एक सामान्य बालक की ही तरह जिए, मगर एक बार उन्हें जहरीले बिच्छू के काटने की वजह से बहुत देर तक बेहोशी छाई रही और होश में आने के बाद से वे पूरी तरह बदल गए. होश में आने के बाद से धाराप्रवाह से संस्कृत बोलने लगे, जिसके बारे में वे उससे पहले कुछ नहीं जानते थे.
बताया जाता है कि इसके बाद एक साल के अंदर ही उन्होंने अपने आप को शिरडी वाले साईं बाबा का अवतार घोषित कर दिया. वे हमेशा ही शिरडी के सांई बाबा को 'अपना पूर्व शरीर' कहते थे. शिरडी के साईं बाबा ने भी काफी चमत्कार दिखाए थे. मगर सत्य सांई बाबा भी अपने भक्तों को चमत्कार दिखाने में पीछे नहीं थे. उनके कई चमत्कारों को महज जादुई ट्रिक तक साबित करने की कोशिश भी की. सत्य साई बाबा को अपनी सेवा भाव के लिए भी जाना जाता है. 20 वीं सदी में जब आंध्र प्रदेश में भयानक अकाल पड़ा था, तब सत्यसाई बाबा ने 750 गांवो के लिए पानी का प्रबंध किया था. बाबा ने आध्यात्मिक उपदेशों के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में भी कई सेवा कार्य किये. उन्होंने मानव सेवा को ही सर्वश्रेष्ठ धर्म बताया था. इसकी शुरुआत पुट्टपर्थी में एक छोटा सा अस्पताल बनवाने के साथ हुई, जो अब 220 बिस्तर वाले सुपर स्पेशलिटी सत्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंसेस बन चुका है.
साई बाबा का निधन 24 अप्रैल 1911 को हुआ. इससे पहले वे एक माह तक अस्पताल में भर्ती रहे. उससे भी पहले उन्होंने फिर से दूसरे शरीर के साथ धरती पर वापस लौटने की भविष्यवाणी तक कर दी थी. आज उनकी संपत्ति की देखरेख और कार्य सत्यसाईं सेंट्रल ट्रस्ट करता है. उनके जीवनकाल में उनपर भी कई आरोप लगे, लेकिन वो कभी सिद्ध नहीं हो सके. दावा किया जा रहा है कि साईं बाबा का अगला अवतार 2023 से 2025 के बीच धरती पर पुन: अवतरित होगा और यह शिरडी के साईं बाबा का अंतिम अवतार होगा.


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