धर्म-अध्यात्म

धनु राशि वालों को शनि के प्रकोप से मिलेगी मुक्ति, यहां जानिए शनि को मजबूत करने के उपाय

Tulsi Rao
16 Jan 2022 6:49 AM GMT
धनु राशि वालों को शनि के प्रकोप से मिलेगी मुक्ति, यहां जानिए शनि को मजबूत करने के उपाय
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वर्तमान में शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं जो 29 अप्रैल से कुंभ राशि में गोचर करने लगेंगे. जानिए शनि के राशि बदलते ही किस राशि वालों को शनि की महादशा से मुक्ति मिल जाएगी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Shani Sade Sati And Shani Dhaiya 2022: शनि एक साथ 5 राशियों पर अपना प्रभाव डालते हैं जिनमें से 3 राशि वालों पर शनि साढ़े साती चलती है तो 2 पर शनि ढैय्या. शनि साढ़े साती की अवधि साढ़े 7 साल की होती है तो शनि ढैय्या की ढाई साल की. लेकिन दोनों ही दशाओं का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. वर्तमान में शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं जो 29 अप्रैल से कुंभ राशि में गोचर करने लगेंगे. जानिए शनि के राशि बदलते ही किस राशि वालों को शनि की महादशा से मुक्ति मिल जाएगी.

धनु वालों को शनि के प्रकोप से मिलेगी मुक्ति: शनि 29 अप्रैल को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे जहां ये 29 मार्च 2025 तक रहेंगे. बता दें शनि किसी भी राशि में ढाई साल तक विराजमान रहते हैं. 2022 में शनि के राशि बदलते ही धनु राशि वालों को शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी. वहीं गुरु ग्रह की राशि मीन पर ये महादशा शुरू हो जाएगी. इसके
अलावा इस दौरान मिथुन और तुला वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिलेगी तो वहीं कर्क और वृश्चिक वाले इसकी चपेट में आ जायेंगे.
शनि साढ़े साती के चरण: बता दें कि शनि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं जिसमें पहला चरण उदय चरण कहलाता है इस चरण में शनि देव मानसिक और आर्थिक कष्ट देते हैं. दूसरा चरण शिखर चरण कहलाता है इस चरण में शनि देव मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्ट पहुंचाते हैं. यही चरण शनि साढ़े साती का सबसे कष्टदायी चरण माना जाता है. इसका तीसरा और आखिरी चरण जिसे अस्त चरण कहते हैं इस चरण में शनि देव व्यक्ति को उसकी भूल सुधारने का मौका देते है. इस चरण में व्यक्ति अपनी गलतियों को सुधारकर सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए अग्रसर होता है.
शनि को मजबूत करने के उपाय: शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि देव की हर शनिवार विधि विधान पूजा करनी चाहिए. जरूरतमंदों को दान अवश्य करना चाहिए. शनि मंदिर में शनि देव की प्रतिमा पर सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए. साथ ही पीपल के पेड़ की अराधना करनी चाहिए. शनिवार के दिन खिचड़ी का सेवन करना चाहिए


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