धर्म-अध्यात्म

Rules for fasting : देवी-देवताओं के व्रत रखने से पहले जान लें ये जरूरी नियम, भगवान होगें प्रसंन

Tulsi Rao
18 Oct 2021 8:22 AM GMT
Rules for fasting : देवी-देवताओं के व्रत रखने से पहले जान लें ये जरूरी नियम, भगवान होगें प्रसंन
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दुनिया के लगभग सभी धर्म में व्रत की परंपरा है. हिंदू धर्म में भी अपने अराध्य देवी-देवता को प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग व्रत रखते हैं. तमाम तरह की कामनाओं को पूरा करने से लेकर कष्टों को दूर रखने के लिए लोग इन व्रतों को रखते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दुनिया के लगभग सभी धर्म में व्रत की परंपरा है. हिंदू धर्म में भी अपने अराध्य देवी-देवता को प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग व्रत रखते हैं. तमाम तरह की कामनाओं को पूरा करने से लेकर कष्टों को दूर रखने के लिए लोग इन व्रतों को रखते हैं, लेकिन इन दिनों व्रत का मतलब विभिन्न प्रकार के फलहारी पकवान खाना और आराम करना हो गया है. ऐसे में किसी भी व्रत को रखने से पहले व्रत के नियम को जान लेना बहुत जरूरी है, क्योंकि व्रत अपने आप में एक तप है, जिसे नियम-संयम के साथ करने पर ही उसके फल की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं कि आखिर किसी भी व्रत को रखते समय हमें किन बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए.

सनातन परंपरा में किसी भी व्रत के लिए सबसे पहले आवश्यक है कि जिस भी देवी-देवता के लिए आप व्रत रखने जा रहे हैं, उन पर आपकी अटूट श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए.
व्रत को प्रारंभ करते समय इस बात का संकल्प करें कि आप संबंधित देवी-देवता का व्रत कितने दिनों तक और किन नियमों का पालन करते हुए करने जा रहे हैं.
व्रत को हमेशा शुभ दिन और शुभ मुहूर्त में ही प्रारंभ करें, ताकि आपके व्रत का संकल्‍प निर्विघ्‍न संपन्‍न हो सके.
किसी भी व्रत को करते समय साधक को धर्म के इन क्षमा, सत्य, दया, दान, शौच, इन्द्रिय संयम, देवपूजा, अग्निहो़त्र, संतोष तथा चोरी न करना, जैसे नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए.
व्रत के दौरान पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और मन में भी किसी के लिए काम या पाप की भावना नहीं लाना चाहिए.
व्रत वाले दिन में भूलकर भी नहीं सोना चाहिए. ऐसा करने पर व्रत खंडित हो जाता है. व्रत वाले दिन भजन-कीर्तन, ध्यान या स्वध्याय करना चाहिए.
व्रत वाले दिन अपने अराध्‍य देव के मंत्रों का मौन जप करें और उनकी कथा, कीर्तन आदि करें. व्रत वाले दिन किसी पर क्रोध करने से बचें और अपशब्द भूलकर भी न कहें.
यदि किसी कारण आपका व्रत टूट या फिर छूट जाए तो उसके लिए अपने अराध्य देव से क्षमा मांगते हुए अगली बार करें और टूटे या छूटे हुए व्रत आगे भविष्य में जरूर करें.
व्रत के पूर्ण होने पर उसका विधि-विधान से उद्यापन करें और अपने घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें.


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