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चावल को अक्षत कहा जाता है। अक्षत का अर्थ होता है अखंडित। चावल को पूर्णता का प्रतीक और देवताओं का भोग माना गया है। हमारी श्रद्धा और भक्ति खंडित ना हो, सदैव बढ़ती जाए इसीलिए चावल भगवान को अर्पित किए जाते हैं। भारत में किसी को आशीर्वाद देते वक्त कहा जाता है- धन और धान्य से संपन्न हो। इसमें धान्य का अर्थ चावल ही होता है। चावल से जुडी ऐसी कई टोटके हैं, जिन्हें अपनाया जाता हैं और ये जीवन पर गहरा असर डालते हैं। आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ चावल से जुड़े टोटकों के बारे में।
# किसी भी शुभ मुहूर्त या अक्षय तृतीया या पूर्णिमा या दीपावली या किसी अन्य मुहूर्त में सुबह जल्दी उठें। सभी आवश्यक कार्यों से निवृत्त होकर लाल रेशमी कपड़ा लें। अब उस लाल कपड़े में चावल के 21 दानें रखें। ध्यान रहें चावल के सभी 21 दानें पूरी तरह से अखंडित होना चाहिए यानि कोई टूटा हुआ दान न रखें। उन दानों को कपड़े में बांध लें। इसके बाद धन की देवी माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजन करें। पूजा में यह लाल कपड़े में बंधे चावल भी रखें। पूजन के बाद यह लाल कपड़े में बंधे चावल अपने पर्स में छुपाकर रख लें। ऐसा करने पर कुछ ही समय में धन संबंधी परेशानियां दूर होने लगेंगी।
# प्रति सोमवार शिवलिंग पूजन में बैठने से पूर्व अपने पास करीब आधा किलो या एक किलो चावल का ढेर लेकर बैठें। फिर शिवलिंग का विधिवत पूजन करें। पूजा पूर्ण होने के बाद चावल के ढेर से एक मुट्ठी चावल लेकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके बाद बचे हुए चावल को मंदिर में दान कर दें या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दे दें। ऐसा हर सोमवार को करें। कम से कम पांच सोमवार करें। इस उपाय को अपनाने से धन संबंधी समस्या दूर हो जाएगी।
# सुयोग्य वर हेतु
किसी भी माह की शुक्लपक्ष की चतुर्थी से चांदी की छोटी कटोरी में गाय का दूध लेकर उसमें शक्कर एवं उबले हुए चावल मिलाकर चंद्रोदय के समय चंद्रमा को तुलसी की पत्ती डालकर यह नेवैद्य बताएं व प्रदक्षिणा करें। इस प्रकार यह नियम 45 दिनों तक करें। 45 दिन पूर्ण होने पर एक कन्या को भोजन करवाकर वस्त्र और मेंहदी दान करें। ऐसा करने से सुयोग्य वर की प्राप्ति होकर शीघ्र मांगलिक कार्य संपन्न होगा।
# चावल हवन
चावल को तिल और दूध के साथ मिलाकर उससे माता का हवन करने से श्रीप्राप्ति होती है और दरिद्रता दूर भागती है। यह हवन किसी शुभ मुहूर्त में करें और विधिपूर्वक करें।
# शत्रु परेशानी हटाने के लिए
साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबू निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा और वह आपके विरुद्ध कोई कदम नहीं उठा पाएगा।
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